पहले साल 2130 टोलों में पहुंचेगा शुद्ध पानी
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को मिली प्रशासनिक स्वीकृति, पांच साल में खर्च होंगे 7439 करोड़ पटना : राज्य के ग्रामीण क्षेत्राें में खासकर आयरन व फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम सरकार के सात निश्चय में शामिल है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने […]
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को मिली प्रशासनिक स्वीकृति, पांच साल में खर्च होंगे 7439 करोड़
पटना : राज्य के ग्रामीण क्षेत्राें में खासकर आयरन व फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम सरकार के सात निश्चय में शामिल है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने का काम होगा. आयरन व फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र के 21 हजार 300 टोले में घर-घर पाइप के सहारे शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम पांच साल में होना है.
पांच साल में पाइप से शुद्ध पेयजल पहुंचाने व उसका पांच साल तक रख-रखाव करने पर 7439 करोड़ खर्च होगा. पहले साल प्राथमिकता के आधार पर फ्लोराइड प्रभावित टोले में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु योजना के तहत काम होगा. इसके लिए अलग से विस्तृत योजना तैयार कर स्वीकृति प्राप्त कर योजना का कार्यान्वयन कराया जायेगा.
योजना के तहत भूगर्भीय जल से पानी पहुंचाने का काम होगा. टोले में पानी पहुंचाने के लिए छोटी योजनाएं बनेगी. पहले साल दस फीसदी टोले यानि 2130 टोले में घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम होगा. पीएचईडी विभाग ने इस काम को पूरा करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है.
विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद अब इन योजनाओं पर काम शुरू होगा. पांच साल में हर घर में नल का जल पहुंचाने का खाका तैयार कर लिया गया है. ऐसे तो पांच साल में आयरन व फ्लोराइड प्रभावित वाले क्षेत्र में घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जायेगा. पहले साल वित्तीय वर्ष 2016-17 में दस फीसदी टोलों में पानी पहुंचाने का काम होगा. लगभग 2130 टोलों में घर-घर पाइप से पानी पहुंचाया जायेगा. अगले साल वित्तीय वर्ष 2017-18 में 15 फीसदी टोले में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है.
बाकी के तीन साल में 25-25 फीसदी टोले में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम होगा. राज्य में फ्लोराइड प्रभावित 11 जिले में 3467 व आयरन प्रभावित नौ जिले में 17 हजार 833 टोले में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना है. सभी घरों में शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा. योजना के तहत जल स्रोत, ट्रीटमेंट यूनिट व पाइपलाइन के जरिये पानी पहुंचाने का काम होगा.पेयजलापूर्ति योजना के लिए राज्य व जिला स्तर पर गुणवत्ता अनुश्रवण कोषांग गठित होगा.
इसमें सेवानिवृत अभियंताओं, वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी व विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा. योजना पर होनेवाले खर्च की राशि जिले में संबंधित कार्यपालक अभियंता की देखरेख में होगा. योजना के नियंत्री पदाधिकारी विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव बनाये गये हैं.
हर घर नल का जल सरकार के सात निश्चय में शामिल है. आयरन, फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित टोले में घर-घर पाइप से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जायेगा. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत काम करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद अब इस पर तेजी से काम शुरू होगा. पहले साल में दस फीसदी टोले में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम होगा.
कृष्ष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पीएचइडी मंत्री