खुली मशीन और निकला बालू

करोड़ों की जालसाजी. ठगी के शिकार अब तक 117 लोग आये सामने बोतल-ढक्कन बनानेवाली मशीन देने के नाम पर ली मोटी रकम पटना : प्लास्टिक की बोतल व ढक्कन बनानेवाली मशीन, रॉ मेटेरियल देने के नाम पर फर्जी कंपनी के हाथों ठगे गये लोगों की संख्या बढ़ गयी है. पहले दिन 25 लोग सामने आये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2016 2:06 AM
करोड़ों की जालसाजी. ठगी के शिकार अब तक 117 लोग आये सामने
बोतल-ढक्कन बनानेवाली मशीन देने के नाम पर ली मोटी रकम
पटना : प्लास्टिक की बोतल व ढक्कन बनानेवाली मशीन, रॉ मेटेरियल देने के नाम पर फर्जी कंपनी के हाथों ठगे गये लोगों की संख्या बढ़ गयी है. पहले दिन 25 लोग सामने आये थे.
इसके दूसरे दिन सोमवार को ठगी के शिकार लोगों की संख्या 117 तक पहुंच गयी. इन लोगाें से पांच हजार रुपये (प्रति व्यक्ति) से लेकर चार लाख रुपये तक की ठगी की गयी है. इसमें एक ऐसी युवती भी शामिल है, जिससे अकेले सात लाख रुपये ठगा गया है.
उससे कंपनी ने दो मशीनों के लिए करार किया था. सोमवार को भारी संख्या में पहुंचे लोगों ने एसएसपी मनु महाराज को आवेदन दिया तथा मामले की छानबीन की मांग की. जिस तरह से लोगों की संख्या बढ़ी है, उससे साफ है कि बड़े पैमाने पर ठगी की गयी है और कंपनी एक करोड़ से ज्यादा पैसा लेकर भाग गयी. सबसे खास बात तो यह रही कि आॅफिस में सैंपल के रूप में जिन दो मशीनों को पैक कर रखा गया था, वे मशीन नहीं, बल्कि ड्रम थे और उसमें बालू भरे थे. उसी को पैक कर दिया गया था.
दरअसल यह फर्जीवाड़े का धंधा जनवरी से चल रहा था. दिल्ली और ग्रेटर नोएडा से आये चार लोगों ने पटना के एक्जिबिशन रोड में वृंदावन कुंज के फ्लैट नंबर 508 को बुक किया था. इन लोगों ने पटना इंडस्ट्रीज के नाम से एक फर्जी कंपनी बनायी. कंपनी के नाम का बिल-बाउचर, विजिटिंग कार्ड तैयार कराया और पटना में चार लोगों को कर्मचारी रखा. इसमें तीन युवतियां व एक युवक शामिल हैं.
चेक से नहीं लिया भुगतान: इस दौरान जिन लोगों ने एग्रीमेंट के बाद जितना पैसा दिया, कंपनी उतने पर तैयार हो गयी. किसी से मात्र पांच हजार रुपये ही लिये गये, तो किसी से चार लाख रुपये तक लिये गये. एक युवती से तो दो मशीनों के नाम पर सात लाख रुपये लिये गये हैं. किसी से चेक नहीं लिया गया है. सबसे कैश लिया गया है.
कंपनी ने जिन लोगों को रखा, उनके ही नाम पर सिम कार्ड ले लिया और उसी का इस्तेमाल किया. अपना कोई आइडी नहीं दिया. बाकायदा एक कार्यालय खोला गया. सब कुछ तैयार होने के बाद विज्ञापन के माध्यम से बोतल-ढक्कन बनानेवाली मशीन व रॉ मेटेरियल देने की बात कही गयी. इसके बाद जो लोग एग्रीमेंट के लिए आये, उन्हें दो सैंपल दिखाये जाते थे.
ऑफिस में रखे दो कार्टून पैक रखे गये थे, जिसे ग्राहकों के सामने मशीन के तौर पर पेश किया जाता था. लेकिन, कभी उसकी पैकिंग नहीं खोली गयी. इसके बाद कंपनी ने ढक्कन बनाने की मशीन के लिए एक लाख रुपये व बोतल बनानेवाली मशीन के लिए चार लाख रुपये रखे थे. इसके अलावा कच्चा माल देने की बात कही गयी थी. लेकिन जब सभी आवेदक निर्धारित समय पर रविवार को कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था.

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