बिहार विधानसभा में पेयजल को लेकर हंगामा, विपक्षी सदस्यों ने किया वॉकआउट
पटना : बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज भी हंगामें की भेंट चढ़ गया. विपक्षी सदस्यों के लगातार नारेबाजी की और पहले पहर में सभा पोर्टिको में थोड़ी देर धरने पर भी बैठे. नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए विपक्षी सदस्य चापाकल योजना और सूबे में पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर हंगामा करते रहे. […]
पटना : बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज भी हंगामें की भेंट चढ़ गया. विपक्षी सदस्यों के लगातार नारेबाजी की और पहले पहर में सभा पोर्टिको में थोड़ी देर धरने पर भी बैठे. नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए विपक्षी सदस्य चापाकल योजना और सूबे में पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर हंगामा करते रहे. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी. भोजनावकाश के बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी दलों द्वारा प्रदेश में पेयजल की किल्लत को लेकर हंगामा जारी रहा और प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार सहित भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सभी सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर बैठ गये और करीब ढाई घंटों तक सरकार विरोधी नारेबाजी और शोर-शराबा करते रहे.
अपने विरोध के क्रम में हाथों में ‘बिहार की जनता प्यासी है, नीतीश कुमार पानी दो’, ‘चापाकल योजना चालू करो’, ‘गरीबों को पीने का पानी दो’ आदि लिखे प्ले कार्ड लिए भाजपा सदस्य सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए नारेबाजी और हंगामा करने के साथ बीच-बीच में ताली बजाते और रिपोर्टर के टेबल को पीटते दिखे. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए ग्रामीण विकास विभाग के 5510 करोड रुपये के बजटीय मांग पर चर्चा जारी रही और राजद सदस्य राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव तथा जदयू सदस्य विनोद कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि पूंजीपतियों के संरक्षक राजग को गरीब और गांवों में रहने वालों की कोई चिंता नहीं है.
ग्रामीण विकास विभाग के बजटीय मांग पर चर्चा के बाद विभागीय मंत्री श्रवण कुमार के सरकार की ओर से जवाब दिया जाना शुरू किये जाने पर विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये.