बिहार विधानमंडल सत्र : पानी व चापाकल पर विपक्ष का हंगामा, कुरसियां पलटीं

पटना : मुख्यमंत्री चापाकल योजना को बंद करने के सरकार के फैसले के विरोध में विधानसभा में पहली पाली में शुरू हुआ हंगामा भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान भी जारी रहा. एक ओर हंगामा होता रहा वहीं सरकार की ओर से ग्रामीण कार्य विभाग और श्रम विभाग के मंत्री ने सदन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2016 6:59 AM
पटना : मुख्यमंत्री चापाकल योजना को बंद करने के सरकार के फैसले के विरोध में विधानसभा में पहली पाली में शुरू हुआ हंगामा भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान भी जारी रहा.
एक ओर हंगामा होता रहा वहीं सरकार की ओर से ग्रामीण कार्य विभाग और श्रम विभाग के मंत्री ने सदन में अपनी बातें भी रखीं. दोनों विभागों की अनुदान मांग पर जब वोटिंग की बारी आयी, तो विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गये. उनकी गैर मौजूदगी में ही ध्वनि मत से दोनों विभागों का बजट पारित हो गया. विपक्ष के सदस्य पानी मुहैया कराने और मुख्यमंत्री चापाकल योजना को लागू करने की मांग को ले कर वेल में आ कर हंगामा कर रहे थे.
वेल में आ कर हंगामा करने वालों में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार भी शामिल रहे. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के बजट भाषण की समाप्ति के मात्र पांच मिनट पहले सदन में पहुंचे विपक्ष के नेता डा प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार विकास का झूठा दावा कर रही है. वह लोगों को पीने का पानी तक मुहैया नहीं करा पा रही है.
इसके साथ ही विपक्ष सदन से वाक- आउट कर गया. सदन का वेल विपक्ष के धरना-प्रदर्शन का केंद्र वना रहा. भाजपा, लोजपा और रालोसपा के विधायक पानी दो-पानी दो का बैनर लिये वेल में नारे लगा रहे थे. विपक्ष ने विधानसभा के स्टोनों की कुरसियां भी पलट दी. तीन घंटों तक चले धरना-प्रदर्शन के दौरान राम नारायण मंडल सहित कई महिला विधायक थक जा रही थी.
वे रह-रह कर वेल में कुरसी खींच कर बैठ जा रहे थे. जब-जब बजट प्रस्ताव पर जदयू-राजद के विधायक बोलने लगते, तब-तब एनडीए के विधायक जोर-जोर से नारे लगाने लतते थे. मंत्रियों के जवाब के दौरान और जोर-जोर से हंगामा करने लगते थे. हंगामा कमजोर न पड़े, इसके लिए रह-रह कर भाजपा विधायक विजय सन्हिा और मिथिलेश तिवारी स्टोनों- मेज पीट रहे थे.
इस समय आसन पर इलियास हुसैन बैठे थे. स्टोनों की कुरसियां हटाने और सदन में पंपलेट के टूकड़े उछाले जाने पर कई बार उन्होंने गंभीर आपत्ति भी की, किंतु उनकी आपत्तियों को भी विपक्ष अनसुुना कर गया.
इसके पहले सदन की कार्यवाही जैसे ही आरंभ हुई एनडीए के सदस्यों ने कार्यस्थन पर चर्चा की मांग की.विपक्ष का कार्यस्थगन राज्य में उत्पन्न पेयजल संकट व विधायकों के अधिकारों में कटौती को लेकर था. विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल आरंभ किया विपक्ष के नेता प्रेम कुमार व नंद किशोर यादव को छोड़कर सदन में उपस्थित सभी एनडीए सदस्य वेल में पहुंच गये. विपक्षी सदस्यों द्वारा सरकार व मुख्यमंत्री विरोघी नारे तब तक लगाते रहे . शोरगुल और नारेबाजी खत्म नहीं होते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.
हंगामे के कारण मंत्री भी प्रश्न की जानकारी नहीं ले पा रहे थे. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को आसन से ही पूछना पड़ा कि प्रश्न संख्या क्या है. इधर समस्तीपुर के विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन के सवाल का जवाब शक्षिा मंत्री अशोक चौधरी ने दिया और आसन की ओर से पूरक पूछने का निदेश दिया गया तो शाहीन ने कहा कि उन्होंने जवाब ही नहीं सुना है तो पूरक सवाल क्या पूछे.
इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने सदस्य को उत्तर भेजवा देने का निदेश दिया. विपक्ष के नेता बीच-बीच में आसन से हाउस को ऑर्डर में लेकर ही कार्यवाही चलाने का अनुरोध करते रहे. विपक्ष के हंगामे के बीत आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही चली. वेल में खड़े नौतन के भाजपा विधायक नारायण प्रसाद लड़खड़ा कर गिर पड़े.
उन्हें एक सदस्य ने संभाला. उसके बाद फिर वह सरकार विरोधी नारा लगानेवाले सदस्यों के साथ शामिल हो गये. हंगामे के कारण सरकार का जवाब सदस्य नहीं सुन सके. अंत में 11.30 बजे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी नें सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

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