कोटेशन पर ही चहेते को दी पार्किंग शुल्क के नाम पर भी लूट के दो रेट
मनमानी. पार्किंग का टेंडर फाइनल नहीं, पार्किंग के लिए अलग-अलग शुल्क रेलवे में मनमानी का खेल जारी है. एक ओर जहां िबना टेंडर के ही पािर्कंग स्थल आवंटित कर दिया गया, वहीं पटना जंकशन के करबिगहिया और महावीर मंदिर की ओर के पार्किंग स्टैंड के िलए अलग-अलग शुल्क वसूला जा रहा है पटना : पटना […]
मनमानी. पार्किंग का टेंडर फाइनल नहीं, पार्किंग के लिए अलग-अलग शुल्क
रेलवे में मनमानी का खेल जारी है. एक ओर जहां िबना टेंडर के ही पािर्कंग स्थल आवंटित कर दिया गया, वहीं पटना जंकशन के करबिगहिया और महावीर मंदिर की ओर के पार्किंग स्टैंड के िलए अलग-अलग शुल्क वसूला जा रहा है
पटना : पटना जंकशन के करबिगहिया और महावीर मंदिर की ओर के पार्किंग स्टैंड काे महज कोटेशन पर ही अधिकारियों ने अपने चहेते को सौंप दी है. टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने का बहाना बनाकर रेलवे ने पांच फरवरी से चार मार्च तक के लिए कोटेशन के आधार पर ही 18 लाख में महावीर मंदिर की आेर वाली पार्किंग दे दी. इसी तरह करबिगहिया की पार्किंग भी 90 दिनों के लिए कोटेशन के आधार पर ही 17 लाख 61 हजार में दे दी गयी है. टेंडर से जुड़े लोगों ने बताया कि कोटेशन रेलवे का अपना नियम है. इस आधार पर अपने लोगों को टेंडर दे देते हैं.
अलग-अलग शुल्क : पटना जंकशन के करबिगहिया और महावीर मंदिर ओर पार्किंग स्थलों का शुल्क अलग-अलग है. यह रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है कि एक ही जंकशन पर गाड़ी पार्क करने के लिए यात्रियों को दो तरह का शुल्क देना पड़ रहा है. महावीर मंदिर की ओर कार पार्क करने पर 50 रुपये देने पड़ते हैं, जबकि करबिगहिया में 25 रुपये देनेे होते हैं.
टेंडर रेट भी अधिक होती है
पार्किंग संचालकों के अनुसार, पार्किंग के लिए अधिक शुल्क लेने का कारण यह है कि इधर गाड़ियां अधिक पार्क होती हैं. इस तरफ का टेंडर रेट भी अधिक होता है. अगर रेलवे हमसे अधिक पैसा वसूलेगी, तो हम भी उस पैसे की वसूली पार्किंग में आनेवाले लोगों से ही करेंगे.
भीड़ अधिक तो रेट अधिक
महावीर मंदिर की ओर भीड़ अधिक होती है और करबिगहिया की ओर लोग पार्किंग के लिए जाते नहीं हैं. महावीर मंदिर की ओर पार्किंग रेट इस कारण से बढ़ाया गया है, ताकि लोग करबिगहिया की ओर जायें. हनुमान मंदिर की ओर भीड़ को कम करने के लिए प्रीमियम रेट रखा गया है.
आरके सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, दानापुर