लालू-नीतीश की जोड़ी प्रभु की मेहरबानी : फारुख
पटना : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्लाह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह प्रभु की मेहरबानी है. कुछ अच्छा करने के लिए अगर लोग आपस में जुड़ जायें, तो इसमें बुराई नहीं हैं. वे शनिवार को पटना गोल्फ क्लब के […]
पटना : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्लाह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह प्रभु की मेहरबानी है. कुछ अच्छा करने के लिए अगर लोग आपस में जुड़ जायें, तो इसमें बुराई नहीं हैं. वे शनिवार को पटना गोल्फ क्लब के शताब्दी वर्ष पूरा होने पर आयोजित इंटर स्टेट गोल्फ टूर्नामेंट के अवसर पर मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे 1980 के दशक में बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान आये थे. तब से अब तक बिहार काफी डेवलप हो गया है, पर अभी काफी सुधार की गुंजाइश है.
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मोदी जी ने बिहार के लिए पैकेज का ऐलान किया है, तो वे देंगे भी. इसे जुमला कहना गलत होगा.
मुझे भारत माता की जय बोलने में फक्र महसूस होता है, जिन्हें दिक्कत है वे बेवकूफ : फारुख अब्दुल्लाह ने कहा कि मुझे भारत माता की जय बोलने में फक्र महसूस होता है, जिन्हें दिक्कत है वे बेवकूफ हैं. मिट्टी मां की तरह होती है और इसकी इबादत कीजिए या पूजा इससे फर्क नहीं पड़ता. हमलोग अपनी पूरी जिंदगी इसी मिट्टी पर बिताते हैं और हमें भोजन व छत भी यहीं मिलता है. यहां तक कि मरने के बाद दो गज जगह भी हमें इसी मिट्टी में मिलती है. इसलिए इसका जयकारा लगाने में मुझे कोई बुराई नजर नहीं आती.
महिलाओं को हर काम में समय लगता है : फारुख अब्दुल्लाह ने कहा कि आप खुश-किश्मत हैं कि आपके राज्य में सरकार है. हमारे राज्य (जम्मू कश्मीर) में तो मुफ्ती साहब (मुफ्ती मोहम्मद सईद) के निधन के बाद सरकार ही नहीं है. उन्होंने पीडीपी की मौजूदा अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर चुटकी लेते हुए कहा कि औरतों को हर काम में वक्त लगता है. महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने में भी वक्त ले रही हैं?
पीओके ले ले पाक, पर अमन कायम रखें : उन्होंने पाकिस्तान मुद्दे पर कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ताना माहौल होना बेहद जरूरी है. पीओके : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, को अब मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और उसे पाकिस्तान को दे देना चाहिए. बशर्ते कि पाकिस्तान की ओर से शांति और सौहार्द कायम रहे. भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ताना रिश्ता कायम रखने में सबसे बड़ी रुकावट पाकिस्तान की सेना है, जो भारत को पड़ोसी राष्ट्र न समझकर दुशमन समझता है.उन्होंने धारा 370 का समर्थन किया और कहा कि आप इसे हटाने की कोशिश करते रहें, पर हम इसे वापस नहीं लेने देंगे.