आरटीआइ के तहत कॉपी नहीं देता सीबीएसइ, आंसर कॉपी चािहए तो खर्च करने होंगे 1000रुपये
पटना: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आरटीआइ के तहत मांग करने पर सीबीएसइ की ओर से आंसर काॅपी नहीं दी जाती है. अगर किसी छात्र को आंसर कॉपी चाहिए, तो उसे सीबीएसइ के पास आवेदन करना होता है. आवेदन के बाद मार्क्स का वेरिफिकेशन होता है, जिसके बाद ही सीबीएसइ आंसर काॅपी देता है. […]
पटना: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आरटीआइ के तहत मांग करने पर सीबीएसइ की ओर से आंसर काॅपी नहीं दी जाती है. अगर किसी छात्र को आंसर कॉपी चाहिए, तो उसे सीबीएसइ के पास आवेदन करना होता है. आवेदन के बाद मार्क्स का वेरिफिकेशन होता है, जिसके बाद ही सीबीएसइ आंसर काॅपी देता है. इससे 10 रुपये में होनेवाले काम के लिए भी छात्रों को हजार रुपये तक देने पड़ते हैं.
आंसर काॅपी के लिए छात्र को आवेदन देने के समय मार्क्स वेरिफिकेशन के लिए 300 रुपये देने होते हैं. इसके बाद आंसर कॉपी लेने के लिए फिर 700 रुपये देने होते हैं. मतलब एक हजार रुपये खर्च कीजिए, तब आंसर कॉपी मिलेगी. वह भी 20 से 25 दिनों के इंतजार बाद.
कोलकाता हाइकोर्ट ने आदित्य बंद्योपाध्याय बनाम सीबीएसइ मामले में आरटीआइ के तहत 10 रुपये में आंसर काॅपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के आदेश को सीबीएसइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश को सही ठहराया.
सीबीएसइ का यह नियम है. मैं इसमें बहुत कुछ नहीं कह सकता हूं. आंसर कॉपी लेने के लिए आवेदन ही करने का नियम है. आरटीआइ के तहत कॉपी नहीं दी जाती है. यह सारा कुछ दिल्ली से होता है.
आरआर मीणा, रीजनल आॅफिसर, सीबीएसइ, पटना