पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अप्रैल से राज्य में लागू होने जा रहे शराबबंदी को पूरी सख्ती से लागू करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि विधानमंडल के चालू सत्र में ही इसके लिए सख्त कानून लाया जायेगा. इस कानून को इसी सत्र में पास करवा कर लागू कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में अगर कहीं भी जहरीली शराब के कारण किसी की मौत होती है, तो इसे बनाने वाले के लिए मृत्युदंड तक का प्रावधान होगा. राज्य में 31 मार्च तक बचे हुए सभी देसी शराब को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जायेगा.
बिहार का विकास दर बढ़ा
मुख्यमंत्री बिहार दिवस के मौके पर गांधी मैदान में आयोजित समारोह का उद्घाटन कर रहे थे. उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बिहार के बढ़े हुए विकास दर की चर्चा करते हुए कहा कि अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये, तो विकास की गति में चार चांद लग जायेंगे. बिहार के विकास के लिए जो सात निश्चय लिये गये हैं, उसे हर हाल में धरती पर उतारा जायेगा. सीएम ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू की जा रही है. इस साल ग्रामीण इलाकों में देसी और विदेशी शराब दोनों बंद हो जायेगी. अगले साल से शहरी इलाकों में भी विदेशी शराब बंद हो जायेगी. शराबबंदी को पूरी मुस्तैदी से लागू करने के लिए हर पहलू पर फोकस किया जा रहा है. सख्त कानून लागू करने के अलावा डिएडिक्शन सेंटर और जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. दूसरे राज्यों से लेकर आने वाले स्पिरिट या छोआ के वाहनों को अधिकतम 24 घंटे में सीमा पार कर जाना होगा.
शराबबंदी हर हाल में
उन्होंने कहा कि इन वाहनों में किसी तरह की ‘हूच-ट्रेडिंग’ नहीं हो, इसके लिए डिजिटल लॉकिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर शराबबंदी लागू होने के बाद इसकी ‘होम डिलेवरी’ शुरू हो जाती है. बिहार में यह नहीं होने दिया जायेगा. बिहारवासियों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि यह ठीक ढंग से लागू हो गया, तो देश के कोने-कोने से आवाज आयेगी कि शराबबंदी बिहार की तरह लागू होनी चाहिए.
शपथपत्र लिया जा रहा है
सीएम ने कहा कि जिस थाना क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री होगी, उस पर कार्रवाई होगी. इससे संबंधित शिकायत प्राप्त कर उस पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए हेल्प लाइन और कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी जन सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकती है. शिक्षा विभाग इसके लिए अच्छी पहल कर रहा है. एक करोड़ से ज्यादा अभिभावकों से शपथ-पत्र लिखवा कर ले लिया गया है. विकास मित्र, टोला सेवक, तालिमी मरकज, महिला सामाख्या और साक्षरता अभियान से जुड़ी महिलाओं और कर्मियों के अलावा आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं को इस अभियान को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए मोबलाइजेशन करने का काम किया गया है. जिलों में डि-एडिक्शन सेंटर शुरू कर दिया गया है. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वर्तमान में राज्य का विकास दर 17.5 प्रतिशत है. यह देश में सबसे ज्यादा है. 29 और 30 मार्च को 8वीं तक के बच्चों का मूल्यांकन परीक्षा लिया जा रहा है.