उपकरण मेंटेनेंस के लिए भी संसाधन नहीं
पटना : सालों से सफाई उपकरणों की कमी झेल रहे नगर निगम में हाल के दिनों में 10 करोड़ की लागत से कॉम्पेक्टर, छोटे-बड़े जेसीबी, जेट-सेक्शन मशीन जैसे उपकरणों की खरीदारी की गयी, लेकिन इनके रख-रखाव को लेकर निगम के पास कोई संसाधन नहीं है. स्थिति यह है कि चारों अंचलों को उपलब्ध कराये गये […]
पटना : सालों से सफाई उपकरणों की कमी झेल रहे नगर निगम में हाल के दिनों में 10 करोड़ की लागत से कॉम्पेक्टर, छोटे-बड़े जेसीबी, जेट-सेक्शन मशीन जैसे उपकरणों की खरीदारी की गयी, लेकिन इनके रख-रखाव को लेकर निगम के पास कोई संसाधन नहीं है.
स्थिति यह है कि चारों अंचलों को उपलब्ध कराये गये उपकरणों को पार्क करने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है. ऐसे में सड़कों पर ही कॉम्पेक्टर व जेसीबी मशीन खड़ी की जा रही है.
मैनपावर के अभाव में नहीं चल रहे उपकरण : कॉम्पेक्टर के लिए न ही ड्राइवर है और न ही सफाई कर्मचारी. नगर आयुक्त जय सिंह के निर्देश के बाद भी ड्राइवर व सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्त नहीं हुई है. ऐसे में अब तक कॉम्पेक्टर बेकार पड़े हैं.
निगम में नहीं है उपकरणों के वर्कशॉप : नगर निगम में सफाई उपकरणों के साथ-साथ अधिकारियों के आने-जाने के लिए वाहन है. इन वाहनों या उपकरणों में छोटे-मोटे खराबी होने पर एजेंसी पर ही निर्भर रहना पड़ता है. निगम के पास एक वर्कशॉप पटना सिटी में थी, जो जर्जर है. 2010 में मेयर व डिप्टी मेयर के लिए स्कार्पियो खरीदारी गयी थी. 2014 में मेयर की गाड़ी खराब हो गयी. यह गाड़ी मौर्या टावर के पार्किंग में खड़ी है. अब मेयर के लिए दूसरी गाड़ी तीन माह पहले 14 लाख रुपये में खरीदारी गयी.
वर्कशॉप जल्द
यह सही है कि उपकरणों के मेंटेनेंस के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, लेकिन पटना सिटी में वर्कशॉप बनाने की कार्ययोजना बनायी जा रही है. इसको लेकर सिटी अंचल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है.
-जय सिंह, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम