योजना को ‘टीबी’ हाशिये पर मरीज
लापरवाही. टीबी स्टेट सेंटर को नहीं मिल पा रहा मरीजों का सही आंकड़ा प्राइवेट अस्पताल न तो रजिस्ट्रेशन ही कराते हैं और न ही मरीजों का आंकड़ा भेजते हैं. इस कारण से बिहार सरकार टीबी मरीजों के लिए योजनाएं नहीं बना पा रही है आनंद तिवारी पटना : एक तरफ सरकार टीबी जैसी बीमारी से […]
लापरवाही. टीबी स्टेट सेंटर को नहीं मिल पा रहा मरीजों का सही आंकड़ा
प्राइवेट अस्पताल न तो रजिस्ट्रेशन ही कराते हैं और न ही मरीजों का आंकड़ा भेजते हैं. इस कारण से बिहार सरकार टीबी मरीजों के लिए योजनाएं नहीं बना पा रही है
आनंद तिवारी
पटना : एक तरफ सरकार टीबी जैसी बीमारी से लोगों को बचाने के लिए लगातार अभियान चला रही है. लोगों को मुफ्त में इलाज मुहैया करा रही है. वहीं, बिहार में इस अभियान का असर देखने को नहीं मिल रहा है. हालत यह है कि टीबी का इलाज तो किया जा रहा है, लेकिन सूबे के निजी अस्पतालों की ओर से मरीजों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है. निजी अस्पताल टीबी मरीजों के आंकड़े छुपा रहे हैं. नतीजन बीच में इलाज छोड़नेवालों की निगरानी नहीं हो पाती है. इससे एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
निश्चय योजना कार्यक्रम फेल :
टीबी मरीजों का आंकड़ा जुटाने के लिए सरकार ने निश्चय योजना शुरू की है. इसके तहत प्राइवेट अस्पतालों को पंजीकरण कराना होता है. अस्पतालों में आनेवाले टीबी मरीजों की जानकारी इसमें देनी हाेती है, लेकिन अब तक सूबे के एक भी प्राइवेट अस्पताल ने निश्चय योजना कार्यक्रम के जरिये पंजीकरण नहीं कराया है. इससे सरकार की योजना को झटका लगा है.
जानकारों की मानें तो टीबी मरीजों का सही आंकड़ा न मिलने से योजना बनाने में कठिनाई हो रही है. बीच में इलाज छोड़नेवालों की निगरानी भी नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर प्राइवेट अस्पताल को जोड़ने के निर्देश दिये गये हैं. दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से अस्पतालों में भी पत्र भेजे जा रहे हैं.
टीबी मरीजों का हाल
प्रदेश में करीब 32 हजार से अधिक प्राइवेट और सरकारी अस्पताल व क्लीनिक हैं. इनमें टीबी के मरीजों की जांच और इलाज किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग में 924 सरकारी अस्पतालों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. फरवरी 2016 तक 14 हजार 238 मरीजों के इलाज का आंकड़ा है. ऐसे में अगर प्राइवेट अस्पताल रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो योजना बनानेव इलाज कराने में सरकार को मदद मिलेगी.
एक नजर में समझें
प्राइवेट अस्पतालों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
सरकार के निश्चय कार्यक्रम में हो रही परेशानी
स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों पर शिकंजा कसने में नाकाम
बीच में टीबी की दवा छोड़नेवालों का आंकड़ा जुटा पाना मुश्किल
रजिस्ट्रेशन नहीं होने से टीबी सेंटर को नहीं मिल पा रहा मरीजों का आंकड़ा
इनका कहना है
निश्चय प्रोग्राम के तहत टीबी मरीजों का इलाज करनेवाले प्राइवेट अस्पतालों का पंजीकरण करना चाहिए. क्याेंकि, हर महीने टीबी मरीजों की रिपोर्ट भेजनी होती है. ऐसे में अगर आंकड़ा मिलता, तो हमें योजना बनाने में मदद मिलेगी.
डॉ केएन सहाय, स्टेट टीबी ऑफिसर
पटना सहित पूरे बिहार में टीबी मरीजों की संख्या अधिक हो रही है, लेकिन आंकड़े काफी कम मिलते हैं. अगर सही मायने में आंकड़ा मिले तो सरकार की ओर से कई योजनाएं मरीजों के हित में बनायी जा सकती है.
डॉ केके प्रसाद, पूर्व टीबी ऑफिसर बिहार