लखनऊ गैंग ने ठग लिये 1.30 लाख

पटना : खाजेकलां के रहनेवाले मुजाहिल हसन, लखनऊ के रहनेवाले शेख अब्दुला मुनव्वर ही ठगी के शिकार नहीं हुए हैं, बल्कि देश के कई राज्यों के युवक लखनऊ गैंग के झांसे में अाये हैं. इस गैंग ने पहले सोशल वेबसाइट पर अबू-धाबी में स्टोर कीपर की वैकेंसी का विज्ञापन जारी किया और फिर जैसे-जैसे लेाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2016 7:32 AM
पटना : खाजेकलां के रहनेवाले मुजाहिल हसन, लखनऊ के रहनेवाले शेख अब्दुला मुनव्वर ही ठगी के शिकार नहीं हुए हैं, बल्कि देश के कई राज्यों के युवक लखनऊ गैंग के झांसे में अाये हैं. इस गैंग ने पहले सोशल वेबसाइट पर अबू-धाबी में स्टोर कीपर की वैकेंसी का विज्ञापन जारी किया और फिर जैसे-जैसे लेाग संपर्क में आते गये, वैसे-वैसे उनसे वीजा के नाम पर ठगी करते रहे. फिलहाल एक मोटी रकम हासिल करने के बाद यह गैंग आॅफिस का शटर गिरा कर गायब हो गया. झांसे मेें फंसे युवक पुलिस के पास गुहार के लिए दौड़ लगा रहे हैं.
खाजेकलां थाना क्षेत्र के दीवान मुहल्ला दुली घाट के रहनेवाले मुजाहिल हसन ने सितंबर 2015 में सोशल वेबसाइट पर विज्ञापन देखे थे. विज्ञापन को डाउनलोड करने के बाद उस पर दिये गये संपर्क नंबर पर उसने फोन किया. इसके बाद उसे लखनऊ बुलाया गया. मुजामिल हसन को केके ओवरसीज कंसलटेंसी विभूतिखंड, नियर आरके टिंबर, गाेमती नगर लखनऊ के पते पर बुलाया गया.
20 अक्तूबर, 2015 को मुजामिल हसन लखनऊ गया और उसने कंपनी में बात की. वहां पर रामप्रताप नाम के एजेंट ने कंपनी में बात करायी. उससे वीजा के लिए 1.20 लाख रुपये मांगे गये. मुजामिल ने 50 हजार रुपये कैश जमा कर दिये.
बाद में फिर उसने गोरहट्टा स्थित आइसीआइसीआइ बैंक से 50 हजार रुपये दोबारा भेजा. इसके बाद 27 नवंबर, 2015 को फिर से मुजाहिल ने 30 हजार रुपये बैंक एकाउंट में डाल दिया. मुजाहिल का कहना है कि तीन दिनों के अंदर वीजा दिलाने की बात कही गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तब शनिवार को मुजाहिल ने डीएसपी हेड क्वार्टर को आवेदन दिया और केस दर्ज करने की मांग की है.

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