खुशखबरी ! महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा की स्मृतियों को सहेजने की पहल
पटना : नील की खेती करने वाले किसानों के आंदोलन के समर्थन में 1917 में महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के शताब्दी वर्ष पर उनके यात्रा मार्ग से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने और नई पीढ़ी से रूबरू कराने के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वयोवृद्ध सेनानियों के संस्मरण को संकलित करने की पहल की […]
पटना : नील की खेती करने वाले किसानों के आंदोलन के समर्थन में 1917 में महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के शताब्दी वर्ष पर उनके यात्रा मार्ग से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने और नई पीढ़ी से रूबरू कराने के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वयोवृद्ध सेनानियों के संस्मरण को संकलित करने की पहल की गयी है. महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा और सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर साल भर चलने वाले अनेक कार्यक्रमों की श्रृंखला में उनके इस यात्रा मार्ग से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने के मकसद से सामाजिक संगठन सहस्त्रधारा, कैलेरेट के संयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता, शैक्षणिक संस्थान अप्रैल..मई माह में गांधी ग्राम संवाद यात्रा का आयोजन करेंगे.
आयोजकों का कहना है कि यात्रा का मार्ग हाजीपुर, मुजफ्फरपुर जिसमें ऐतिहासिक लंगट सिंह कॉलेज शामिल है, से होते हुए वैशाली, सीतामढ़ी, मोतिहारी समेत कई अन्य स्थानों से गुजरेगा. बयान के अनुसार, यह यात्रा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि हम नये ढंग से गांधी जी को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें गांधीजी से जुड़े अनेक संस्मरणों को संकलित करने और उनकी यात्रा से जुड़े स्थानों की वर्तमान स्थिति की जानकारी एकत्र करने का काम किया जायेगा. इसके साथ ही यात्रा के दौरान उन स्कूलोंं की जानकारी संकलित की जायेगी जो गांधी जी की प्रेरणा से खुले थे.
गांधी ग्राम संवाद यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के मार्ग पर स्थित गांव के लोगों के अनुभवों को लिपिबद्ध किया जायेगा. यात्रा से जुड़ी तस्वीरों एवं वीडियो को भी संकलन में शामिल किया जायेगा ताकि नई पीढ़ी को महात्मा गांधी द्वारा देश में इस पहले सत्याग्रह से रूबरू कराया जाये. उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार भी महात्मा गांधी के बिहार आने के शताब्दी वर्ष के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है.