अकेले इंदिरा गांधी ने 50 बार राष्ट्रपति शासन लगाया : सुशील मोदी
पटना:उत्तराखंड में राष्ट्रपतिशासन लागूकियेजानेको लेकर देश में मचे सियासीघमासानकेबीच भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नेआज ट्वीट कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि 66 साल के भारतीय गणतंत्र में जवाहर लाल नेहरू से मनमोहन सिंह तक, कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों की सिफारिश पर अलग–अलग […]
पटना:उत्तराखंड में राष्ट्रपतिशासन लागूकियेजानेको लेकर देश में मचे सियासीघमासानकेबीच भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नेआज ट्वीट कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि 66 साल के भारतीय गणतंत्र में जवाहर लाल नेहरू से मनमोहन सिंह तक, कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों की सिफारिश पर अलग–अलग राज्यों में कुल 88 बार राष्ट्रपति शासन लागू हुए. अकेले इंदिरा गांधी ने 50 बार राष्ट्रपति शासन लगाया. पिछली यूपीए सरकार के 10 साल में 12 बार धारा–356 का सहारा लिया गया.
भाजपा नेता ने कहा कि अगरबिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति शासन लगाने को इतना ही अलोकतांत्रिक मानते हैं, तो उन्होंने सबसे ज्यादा राष्ट्रपति शासन लगाने वाली कांग्रेस से हाथ क्यों मिलाया. कांग्रेस के ही दबाव मेंराजदसुप्रीमो लालू प्रसाद ने जहर का घूंट पीकर नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता माना था. उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन की परिस्थिति भी कांग्रेस के लोगों ने तैयार की, लेकिन इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की बेवजह आलोचना कर नीतीश कुमार कांग्रेस के एहसान बड़ी वफादारी से चुका रहे हैं.
एक अन्य ट्वीट मेंसुशील कुमार मोदी ने कहा कि तकनीकी काॅलेजों में पढ़ने वाले बिहार के दलित छात्रों की छात्रवृत्ति में घोटाले के बाद अब गरीब स्कूली छात्रों की छात्रवृत्ति में घोटाला सामने आ रहा है. अकेले पटना जिले के 40 से ज्यादा स्कूलों में फर्जीबाड़ा किया गया. सरकारी स्कूलों में दाखिला और हाजिरी, दोनों का आंकड़ा नीचे आ रहा है. भाजपा की भागीदारी वाली एनडीए सरकार के दौरान स्कूलों में दाखिला 72 फीसद से बढ़कर 90.1 फीसद तक पहुंच गया था, लेकिन 2014 से दाखिला लेने वालों का प्रतिशत घट रहा है. निजी स्कूलों में नामांकन कराने वाले छात्र 2009 में मात्र 5 फीसद थे, जो 2014 में बढ़कर 12 फीसद हो गये.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि गरीबों को झांसा देकर सत्ता में लौटे नीतीश कुमार सरकारी स्कूलों को बर्बाद कर शिक्षा माफिया की मदद कर रहे हैं. गरीब के बच्चों की छात्रवृत्ति में सेंध लगायी जा रही है. सरकार न शिक्षकों को समय पर वेतन देती है, न छात्रों की हाजिरी बढ़ाने के उपाय करती है. क्या यही गरीबों की सरकार है.