70 रौल नंबर के साथ पकड़ा गया परीक्षक

एसकेवीएम कॉलेज, फतुहा के शिक्षक राय तुहिन कुमार के पास से हजारों रुपये नकद भी बरामद किये गये हैं. पटना : पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एसकेवीएम कॉलेज, फतुहा के हिन्दी विभाग के व्याख्याता राय तुहिन कुमार को जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारियों की टीम ने पकड़ा है. उनके पास से 70 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2016 6:13 AM
एसकेवीएम कॉलेज, फतुहा के शिक्षक राय तुहिन कुमार के पास से हजारों रुपये नकद भी बरामद किये गये हैं.
पटना : पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एसकेवीएम कॉलेज, फतुहा के हिन्दी विभाग के व्याख्याता राय तुहिन कुमार को जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारियों की टीम ने पकड़ा है. उनके पास से 70 छात्र-छात्राओं के रौल नंबर की लिस्ट मिली और हजारों रुपये नकद बरामद किये गये. राय तुहिन कुमार इसी कॉलेज में बने मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षक के रूप में तैनात थे. बताया जाता है कि ये उत्तरपुस्तिका की जांच शुरू होने के बाद अपने टेबल से दूसरे परीक्षक के टेबल पर जा रहे थे. इसी बीच जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारियों की टीम पहुंच गयी. उन्हें शक के आधार पर पकड़ लिया गया.
जांच में उनके पास से जब छात्र-छात्राओं के रोल नंबर की लिस्ट निकली, तो शक पुख्ता हो गया. फिर उन्हें वहां तैनात मजिस्ट्रेट के हवाले कर दिया गया. मजिस्ट्रेट ने पत्रकार नगर पुलिस को सौंप दिया और फिर उन पर मामला दर्ज कर पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
इसके बाद उन्हें एसडीओ के समक्ष उपस्थित कराया गया और दो हजार जुर्माने की राशि देने के बाद छोड़ दिया गया. पत्रकार नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर ने बताया कि इस मामले में आरोपित को छह माह का कारावास या फिर दो हजार जुर्माना देने का प्रावधान है. जुर्माने के बाद उन्हें रिहा किया गया.
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और इंटर काउंसिल में कर्मचारियों का एक- दूसरे संस्थान में स्थानांतरण करने समेत अन्य सभी मामलों की जांच होगी. बिहार बोर्ड और काउंसिल में गड़बड़ी के सभी मामलों की जांच के लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी गयी है. यह जानकारी शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने विधान परिषद में मंगलवार को दी. वे सुनिल कुमार सिंह के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे.
सिंह ने सवाल उठाया था कि बिहार बोर्ड और काउंसिल में कर्मचारियों का आपस में जो स्थानांतरण किया जाता है, उसमें तमाम नीति-नियमों की अनदेखी की जाती है. ट्रांसफर में निलंबित कर्मी का भी ट्रांसफर कर देने की बात कही गयी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार बोर्ड और काउंसिल में हर तरह से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के लिए विभाग के स्तर पर जांच करायी जायेगी. बोर्ड और काउंसिल दोनों एक स्वतंत्र निकाय है. यहां कुछ समय पहले 66 कर्मियों का ट्रांसफर बोर्ड से काउंसिल में किया गया, जो कार्यहित में हुआ है. समय-समय पर यह होता रहता है. इसमें किसी निलंबित कर्मी का ट्रांसफर नहीं हुआ है.
वहीं,केदार नाथ पांडेय के ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाली मासिक चिकित्सा भत्ता एेच्छिक योजना है. इसके तहत मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष के माध्यम से सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. इसके तहत लोगों को विकल्प की सुविधा मुहैया कराने पर विचार किया जायेगा.
जो लोग इससे छूट गये हैं, उन्हें भी जोड़ने पर विचार किया जायेगा. सलमान रागिब ने ध्यानाकर्षण में शहर के शास्त्रीनगर में जलमीनार की स्थापना नहीं होने का मामला उठाया. जवाब में नगर आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि पहले इसका काम गैमन इंडिया और जियो मिलर को दिया गया था. लेकिन, काम नहीं करने के कारण इनसे एकरारनामा रद्द कर 66 करोड़ की जमानत राशि जब्त कर ली गयी. बुडको से काम करवाया जा रहा है.

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