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अब ट्रेनों में ढूंढ़ते रह जायेंगे जंजीर

बदलाव : ट्रेन रोकने के लिए यात्रियों को करना होगा गार्ड से संपर्क प्रहलाद कुमार पटना : चेन (जंजीर) खींचकर ट्रेन रोकने की सुविधा इसलिए दी गयी थी ताकि यात्री आपातकालीन स्थिति में इसकी मदद ले सकें. लेकिन, लोग अपनी सुविधा के हिसाब से चढ़ने-उतरने के लिए चेन पुलिंग करने लगे. इससे रेलवे को राजस्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2016 2:54 AM
बदलाव : ट्रेन रोकने के लिए यात्रियों को करना होगा गार्ड से संपर्क
प्रहलाद कुमार
पटना : चेन (जंजीर) खींचकर ट्रेन रोकने की सुविधा इसलिए दी गयी थी ताकि यात्री आपातकालीन स्थिति में इसकी मदद ले सकें. लेकिन, लोग अपनी सुविधा के हिसाब से चढ़ने-उतरने के लिए चेन पुलिंग करने लगे. इससे रेलवे को राजस्व और समय दोनों का नुकसान होता है. रेलवे ने अब यह सुविधा समाप्त करने का फैसला लिया है और डब्बों से चेन हटाने का काम भी शुरू हो गया है.
अब चलती ट्रेन में यात्रियों को आपात स्थिति में लोको पायलट से संपर्क करना पड़ेगा. उन्हें चालक का संपर्क नंबर मुहैया कराया जायेगा. इसके अलावे रेल के सभी टीटी व पेट्राॅलिंग पार्टी से भी आपातकाल में यात्री संर्पक कर सकते हैं. अगर मामला गंभीर होगा तो तुरंत गार्ड से संपर्क कर ट्रेन रोक दी जायेगी. इस बारे में कोच निर्माण फैक्टरी को पत्र भेजा दिया गया है.
सिर्फ राजधानी व संपूर्ण क्रांति में कैरेज स्टाफ : पूर्व मध्य रेल में राजधानी व संपूर्णक्रांति के अलावे किसी भी अन्य ट्रेन में कैरेज स्टाफ नहीं होते हैं. ऐसे में जब इन दाेनों के अलावे किसी ट्रेन में चेन पुलिंग या वैक्यूम होता है, तो गार्ड या ड्राइवर को आकर ठीक करना पड़ता है. इसमें कम से कम 20 मिनट का समय लगता है और उस ट्रेन के साथ पीछे की सभी ट्रेनें लेट हो जाती हैं. यही कारण है कि संपूर्ण क्रांति का आरा स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं है, फिर भी आये दिन ट्रेन वहां रुकती है. उस स्टेशन पर खुलेआम जंजीर खींचा जाता है.
जंजीर खींच उतार लिया था सामान : दो दिन पूर्व चोर इलाहाबाद से आगे संपूर्णक्रांति की जंजीर खींच कर चार यात्रियों का सामान लेकर लोग भाग निकले. जहां जंजीर को खींचा गया था वहां काफी अंधेरा था. इस कारण से वहां से ट्रेन को ठीक कर आगे बढ़ाने में भी समय लगा. ऐसी घटनाएं हर दिन कहीं न कहीं होती हैं.
जंजीर खींच लोकल वेंडर बेचते हैं सामान : पटना से हाथीदह की ओर जानेवाली सभी ट्रेनों में लोकल वेंटरों का राज है. अगर कोई ट्रेन अप में मोकामा के पास है और डाउन की ट्रेन भी उस ट्रेन के पास से गुजरने वाली है, तो लोकल वेंडर एक-दूसरे को फोन कर जंजीर खींच कर ट्रेन बदल लेते हैं. यह खेल दिन-रात चलता है.
बिहार व यूपी में सबसे अधिक परेशानी : रेलवे नेटवर्क में जंजीर खींचना एक बड़ी समस्या है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यह समस्या गंभीर है. इससे ट्रेनें लेट होती हैं और रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है.
पूर्व मध्य रेल में चेन पुलिंग का आंकड़ा
2014-15 : 4173 आरपीएफ में चेन पुलिंग का रिकॉर्ड, 4237 गिरफ्तार, 2946825 जुर्माना वसूला गया, 364 ने पैसा नहीं दिया, तो जेल गये.
2015-16 : 4866 आरपीएफ में चेन पुलिंग का रिकॉर्ड, 5083 गिरफ्तार, 3425240 जुर्माना वसूला गया, 901 पैसा नहीं दिया, तो जेल गये और बाद में बेल मिला.

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