पटना : एनडीए के प्रमुख घटक दल लोजपा, रालोसपा और हम भाजपा को झटका दे सकते हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आज कहा कि लोजपा-रालोसपा और हम के विलय की चर्चा से इनकार नहीं किया है.
अपने आवास पर शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ताकेदौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में एनडीए के चारो घटक दल भाजपा-लोजपा-रालोसपा-हम के तालमेल से काम होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है. मांझी ने सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा हमसे सहायता नहीं ले रही है. भाजपा बड़ी पार्टी है और एनडीए में गार्जियन के रूप में है. हमलोग मिलकर समझायेंगे कि हर मुद्दे पर चारो दलों की एक राय हो और आंदोलन भी एक साथ हो.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहाकि भाजपा के साथ बात नहीं बनेगी तो हमारे पास विकल्प के द्वार खुले हैं. जीतन राम मांझी ने कहा कि भाजपा अगर हमारे तेवर को नहीं समझती है तो हम (लोजपा-रालोसपा-हम) एक बैनर के तले आ सकते हैं. मांझी लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को भी नेता मानने को तैयार दिखे . उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वैशाली में तीनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की बैठक हुई थी. इसमें मर्जर के संबंध में कोई बात नहीं हुई. हमलोग बिहार विधानसभा और उसके बाहर एनडीए के अंग हैं. कारगर ढंग से एनडीए के चारो पार्टनर बिहार में हो रहे अनियमितता को फोकस करे और एक साथ आंदोलन करें, तभी उसका व्यापक असर भी पड़ेगा.
जीतन राम मांझी ने कहा कि यूपी में बसपा प्रमुख मायावती से डायरेक्ट नहीं, बल्कि उनकी पार्टी से बात हुई है. वर्तमान अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ गोलबंदी के लिए दलित-महादलित की पार्टियों को गोलबंद करने की तैयारी की जा रही है. वार्ता के लिए पृष्टभूमि बनायी जा रही है. वहीं असम में लोजपा के उम्मीदवार मैदान में होंगे. उनके प्रचार के लिए लोजपा के साथ-साथ रालोसपा व हम के नेता भी जायेंगे.
बिहार सरकार पर साधा निशाना
मांझी ने आरक्षण के मामले में कहा कि राज्य सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन खत्म करने जा रही है जो ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में नागराज मामले में यह निर्णय आया था उसके अनुसार कार्य करना चाहिए. राजस्थान और मध्यप्रदेश ने नागराज मामले के आधार पर प्रमोशन में आरक्षण लागू रखेंगे. बिहार सरकार आरक्षण विरोधी और दलित विरोधी है.
शराब बंदी से काम नहीं चलेगा.
मांझी ने कहा कि शराबबंदी का कदम सराहनीय है लेकिन सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा. इस मामले में सरकार दोगली नीति अपना रही है. देसी पर बैन तो फिर विदेशी शराब पर क्यों नहीं. अफीम की खेती बंद होनी चाहिये और विदेशी शराब को भी बंद किया जाना चाहिए.