ध्यान हटाने की कोशिश : सुशील मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जेएनयू में 9 फरवरी को हुई राष्ट्रविरोधी नारेबाजी से ध्यान हटाने के लिए 17 फरवरी को छात्र नेता कन्हैया कुमार की कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी कथित पिटाई का जो मुद्दा उछाला गया, उसकी पोल खुल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2016 8:39 AM

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जेएनयू में 9 फरवरी को हुई राष्ट्रविरोधी नारेबाजी से ध्यान हटाने के लिए 17 फरवरी को छात्र नेता कन्हैया कुमार की कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी कथित पिटाई का जो मुद्दा उछाला गया, उसकी पोल खुल रही है.

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि कन्हैया की मेडिकल रिपोर्ट और पेशी के दौरान के सीसीटीवी फुटेज हमले की कहानी को बेबुनियाद साबित करते हैं. मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जिन छह वकीलों की कमेटी बनायी, उसका रवैया इतना एकतरफा था कि उनकी जांच केवल आरोपी कन्हैया कुमार, उसके वकील और जेएनयू के एक प्रोफेसर का बयान रिकार्ड करने तक सीमित थी.

इन वकीलों ने मनचाहा बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल और डीसीपी तक पर दबाव डाला. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तो नैसर्गिक न्याय की नीति से हट कर पुलिस का पक्ष सुने बिना ही रिपोर्ट तैयार कर ली. पूरे प्रकरण में वकीलों के एक वर्ग और यूपीए सरकार के समय गठित मानवाधिकार आयोग ने देशद्रोह के आरोपी को पीडि़त बताने के लिए वही नैसर्गिक अन्याय किया, जो कन्हैया को देशभक्ति का सर्टिफिकेट जारी कर नीतीश कुमार कर रहे हैं.

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