10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अप्रैल फूल मत बनाइए मंत्री जी

हंसी-मजाक : विधानमंडल में शुक्रवार का िदन रहा अनोखा, सदस्यों ने ली एक-दूसरे की चुटकी पटना : विधानमंडल में शुक्रवार का दिन अनोखा रहा. विधानसभा में दो पुराने साथी गृह विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और भाजपा के वरिष्ठ सदस्य नंदकिशाेर यादव आपस में उलझते दिखाई दिये तो विधान परिषद में सदन में […]

हंसी-मजाक : विधानमंडल में शुक्रवार का िदन रहा अनोखा, सदस्यों ने ली एक-दूसरे की चुटकी
पटना : विधानमंडल में शुक्रवार का दिन अनोखा रहा. विधानसभा में दो पुराने साथी गृह विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और भाजपा के वरिष्ठ सदस्य नंदकिशाेर यादव आपस में उलझते दिखाई दिये तो विधान परिषद में सदन में मंत्रियों के जवाब को अप्रैल फूल कह चुटकी ली गयी. नंदकिशोर यादव ने विजेेंद्र बाबू पर चुटकी ली कि उनके सामने एक ग्लास पानी रख दीजिये आजकल उन्हें गुस्सता बहुत आता है. इस पर विजेंद्र बाबू चुप नहीं रहे. उन्होंने तपाक से कहा आप पर गुस्सा भी आता है और प्यार भी आता है.
विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, नंदकिशोर जी मैं आपसे और प्रेम बाबू (विपक्ष के नेता) बहुत डरता हूं. उनके और नंदकिशोर यादव के बीच जुबानी जंग को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने यह कहते हुए विराम दिया कि आप दोनों की अंतराक्षरी में सदन का वक्त जाया हो रहा है. इधर, विधान परिषद में जदयू के रीना यादव ने सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता से कहा कि अप्रैल फूल मत बनाइये मंत्री जी. रीना यादव ने मंत्री के जवाब जिसमें संजय गांधी जैविक उद्यान के झील में बदबू नहीं आने का दावा किया था, को चुनौती देते हुए कहा कि ठीक है कि आज एक अप्रैल है, लेकिन अाप तो उत्तर देने में ही अप्रैल फूल बना रहे हैं.
रीना यादव का तर्क था कि वह खुद प्रतिदिन संजय गांधी जैविक उद्यान में झील के आस पास सुबह की सैर करती हैं. मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि यदि बदबू की समस्या है ताे उसे दूर कर लिया जायेगा. विधान परिषद में गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा हो रही थी.
जदयू के विजय कुमार वर्मा ने मधेपुरा के मंडल कारा का नाम जेपी आंदोलन के शहीद छात्र नेता सदानंद मंडल के नाम करने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने मंत्री से इस पर आश्वासन मांगा.
प्रभारी मंत्री थे विजेंद्र यादव, उन्होंने हाथ हिला कर कहा हम आश्वासन नहीं देने वाले. लेकिन, वर्मा यह कह कर बैठ गये कि हम मंत्री के आश्वासन पर अपना प्रस्ताव वापस लेते हैं. इसके बाद दूसरे सदस्यों ने भी यही कदम उठाया और सबने अपने प्रस्ताव को यह कहते हुए वापस ले लिया कि मंत्री के आश्वासन है और हम वापस लेते हैं. संजीव श्याम सिंह ने एक जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की मांग कर दी.
इस पर शिक्षा मंत्री बोले, उस दिन तो एेच्छिक अवकाश होता ही है, अलग से घोषित करने की जरूरत नहीं है.
इस पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि अरे, अब तो उस दिन कुछ ….. होगा ही नहीं तो छुट्टी की क्या जरूरत है. तभी सामने से किसी ने कहा, हुजूर, दूध- दही से भी मस्ती आती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें