बहन ने भाई को किडनी देकर निभाया रक्षा-बंधन

बड़ी बहन बानो देवी ने अपने छोटे भाई बिंदे शाह को दिया अपना किडनी आइजीआइएमएस में तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट हुआ सफल चार साल से डायलिसिस पर चल रहा था मरीज, छह घंटे चला ऑपरेशन पटना : कहते हैं कि वो किस्मत वाले होते हैं, जिनकी बहन होती है. कुछ ऐसा ही नजारा राजधानी के इंदिरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 7:35 AM
बड़ी बहन बानो देवी ने अपने छोटे भाई बिंदे शाह को दिया अपना किडनी
आइजीआइएमएस में तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट हुआ सफल
चार साल से डायलिसिस पर चल रहा था मरीज, छह घंटे चला ऑपरेशन
पटना : कहते हैं कि वो किस्मत वाले होते हैं, जिनकी बहन होती है. कुछ ऐसा ही नजारा राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल में देखने को मिला. भाई-बहन के निश्छल प्रेम और समर्पण की मिसाल कायम कर एक बहन ने भाई बहन के पवित्र रिश्ते को गौरवान्वित कर दिया. जीने की उम्मीद छोड़ चुके भाई को बहन ने अपनी किडनी देकर एक नया जीवन दिया है. शहर के रहनेवाली बानो देवी (50) ने अपने छोटे भाई बिंदे शाह (44) को किडनी गिफ्ट कर रिश्ते की मजबूती से यमराज को भी मात दे दी. शनिवार को छह घंटे चले इस ऑपरेशन में भाई और बहन दोनों स्वस्थ हैं.
चार साल से हो रहा था डायलिसिस : परिजनों ने बताया कि बिंदे शाह का चार साल पहले एक किडनी खराब होने का पता चला, तब से वे डायलिसिस करवा रहे थे. इसके लिए हर बार एक दर्द की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. अंत में डायलिसिस करना भी मुश्‍किल हो गया.
डॉक्‍टरों ने डायलिसिस से हाथ खड़े कर दिये. अब किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई चारा नहीं था. किडनी के डोनर के लिए काफी खोजबीन की गयी, लेकिन कोई डोनर नहीं मिला. वहीं जब पता चला कि आइजीआइएमएसम में यह सुविधा शुरू हो गयी है तो अंत में बड़ी बहन बानो ने अपनी एक किडनी देने का फैसला किया और उनकी किडनी भी मैच कर गयी.
आइजीआइएमएस में ऐसे कराएं किडनी ट्रांसप्लांट
अस्पताल के अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अगर किसी भी मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट कराना है तो उनको अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज व डोनर की स्क्रीनिंग होगी, साथ ही वहां ब्लड, रिश्तेदार व जीन आदि मैच कराया जायेगा.

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