शरद इस बार जदयू के अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं करेंगे, क्या नीतीश संभालेंगे यह दायित्व?
नयी दिल्ली : जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 10 अप्रैल को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जायेगा. वर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं करने का फैसला किया है. वह नहीं चाहते हैं कि उनके लिए पार्टी के संविधान में दूसरी बार संशोधन करना […]
नयी दिल्ली : जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 10 अप्रैल को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जायेगा. वर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं करने का फैसला किया है. वह नहीं चाहते हैं कि उनके लिए पार्टी के संविधान में दूसरी बार संशोधन करना पड़े. वह 10 सालों से लगातार अध्यक्ष हैं. इससे पहले भी वह दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. पिछली बार पार्टी के संविधान में संशोधन कर उन्हें तीसरी बार अध्यक्ष बनाया गया था.
उनके अध्यक्ष पद के लिए नामांकन न करने के फैसले को लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज रही. नये अध्यक्ष के नाम को लेकर भी कयासों का दौर तेज रहा. शाम को पार्टी की ओर से अधिकृत बयान के बाद इस खबर की पुष्टि हो पायी. पार्टी महासचिव व प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में शरद यादव ने लगातार तीन कार्यकाल पूरे कर चुके हैं, इसीलिए अब उन्होंने पार्टी के संविधान में किसी भी तरह के संशोधन कराने से इनकार किया है. ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय परिषद की बैठक 10 अप्रैल को दिल्ली में बुलायी है.
क्या नीतीश संभालेंगे यह दायित्व : नीतीश कुमार को पार्टी की कमान सौंपे जाने की चर्चा है. पार्टी के ज्यादातर पदाधिकारियों का मानना है कि शरद यादव के अध्यक्ष पद पर न होने के बाद नीतीश कुमार को अध्यक्ष पद संंभालना चाहिए, क्योंकि इससे जदयू को राष्ट्रीय विस्तार मिलेगा. जदयू में कई दलों के विलय पर भी चर्चा चल रही है. कई पार्टियों को मिला कर एक पार्टी बनने की स्थिति में नीतीश कुमार को नये दल के अध्यक्ष का पद संभालना पार्टी और देशहित में होगा.
गौरतलब है कि शरद यादव 1997 से लेकर 2003 तक अध्यक्ष पद पर रहे हैं. वर्ष 2003 से लेकर 2006 तक जदयू के वरिष्ठ नेता जार्ज फर्नांडीस जदयू के अध्यक्ष रहे हैं. उसके बाद फिर से 2006 से लेकर अब तक शरद यादव पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं.