शर्मनाक: 13 साल की बेटी के साथ पिता करता रहा रेप, मां पहुंची थाना
बेशर्मी.. दुराचारी..अमानवीयता जैसे शब्द भी पड़े छोटे पटना : पटना में बेटी (13 वर्षीया) के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. पिछले तीन सालों से इस घिनौनी हरकत को झेल रही बेटी ने अपनी मां को आपबीती बतायी, तो मामला थाना पहुंचा. वह पिता के सामने हाथ जोड़ती थी, लेकिन वह एक नहीं सुनता. […]
बेशर्मी.. दुराचारी..अमानवीयता जैसे शब्द भी पड़े छोटे
पटना : पटना में बेटी (13 वर्षीया) के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. पिछले तीन सालों से इस घिनौनी हरकत को झेल रही बेटी ने अपनी मां को आपबीती बतायी, तो मामला थाना पहुंचा. वह पिता के सामने हाथ जोड़ती थी, लेकिन वह एक नहीं सुनता.
पहले बहला-फुसला कर रेप करनेवाला पिता अब जबरदस्ती पर उतर जा रहा था. मां ने अपने आवेदन में लिखा है कि इस हरकत के लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार कर महिला थाने को सौंप दिया. अब महिला थाना पुलिस पीड़िता की मेडिकल जांच करायेगी. वहीं, आरोपित के खिलाफ रेप के अलावा पाॅक्सो एक्ट तहत मामला दर्ज किया गया है.
वहशी पिता की बुरी नजर बेटी पर उस समय पड़ी, जब वह 10 साल की थी. उसने जबरदस्ती उससे संबंध बनाया और मुंह खोलने पर मार डालने की धमकी दी. घटना से पीड़िता सहम गयी. उसने मुंह बंद रखा और पिता बार-बार यह हरकत करता रहा. तीन साल तक इस पीड़ा को बरदाश्त करने के बाद वह टूट गयी. सोमवार को उसने अपनी मां को इसकी जानकारी दी. इस पर मां दंग रह गयी. उसने पूरी जानकारी ली और फिर स्थानीय थाने पहुंची व आवेदन दिया. इस पर पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार किया.
पत्नी को मार्केट भेजने के बाद करता था रेप
बेटी के साथ रेप करनेवाला आरोपित स्टेशनरी की दुकान चलाता है. महज पांचवीं में पढ़नेवाली बेटी के साथ कुकर्म करनेवाला पिता उस समय दुष्कर्म करता था, जब घर में कोई नहीं रहता था. परिवार में पति-पत्नी और बेटी के अलावा कोई नहीं है. आरोपित अपनी पत्नी को मार्केट भेज देता था और इस दौरान बेटी के साथ दुष्कर्म करता था.
परिवार में मां को होना होगा सतर्क
आजकल सेक्सुअल डेविएशन के मामले बहुत बढ़ रहे हैं. पैरोफेलिया ऐसा मनोरोग है, जिसमें अधिक उम्र का व्यक्ति मासूम बच्चों को टारगेट करता है, क्योंकि उसे लगता है कि ये किसी से कुछ बोल नहीं पायेंगे. फिर चाहे, वह लड़की हो या लड़का. ऐसे मामले ज्यादातर स्लम एरिया में देखे जाते हैं. हालांकि, बड़े घरों में भी कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं. यह मानसिक विकृति है, जिसमें व्यक्ति अपनों को भी नहीं छोड़ता है. बहुत जरूरी है कि परिवार में मां को सर्तक होना होगा.
मजाक समझ अनदेखा न करें
यह सब एकदम से सामने नहीं आता. किसी भी पत्नी या मां को घर के पुरुष में कभी-न-कभी कोई ऐसी एक्टिविटी पहले जरूर दिखती है, जिसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. वहीं, बच्चों के साथ कोई बुजुर्ग या परिवार का कोई सदस्य ऐसा कुछ करता है, तो वे अपने तरीके से जरूर कहते हैं, पर यह सोच कर कि ‘मजाक किया होगा’, लोग अनदेखा कर देते हैं और यहीं चूक हो जाती है.
कड़ी नजर से टाल सकते हैं अनहोनी
एक शादीशुदा महिला को बच्चा नहीं हो रहा था. काउंसेलिंग के दौरान उसने जाहिर किया कि उसके साथ बचपन में घर के किसी आदमी ने गलत किया था, कहीं यही कारण तो नहीं? यानी कई बच्चों के साथ ऐसा होता है, जिसमें कई मामले प्रकाश में ही नहीं आते. इसलिए खासकर छोटे बच्चों को घर में किसी के साथ अकेला बिल्कुल न छोड़ें, फिर वह रिश्ते में कोई भी हो. अपने बच्चों पर कड़ी नजर रख कर ही हम ऐसी अनहोनी को टाल सकते हैं.