बिहार विधान मंडल अनिश्चित काल के लिये स्थगित, 7 महत्वपूर्ण विधेयक पास
पटना : गत 25 फरवरी से शुरू हुए बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का आज समापन हो गया और दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गयी. बजट सत्र के आज समापन पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने तथा बिहार विधान परिषद केे सभापति अवधेश नारायण सिंह ने […]
पटना : गत 25 फरवरी से शुरू हुए बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का आज समापन हो गया और दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गयी. बजट सत्र के आज समापन पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने तथा बिहार विधान परिषद केे सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अपने-अपने सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की.
कई महत्वपूर्ण बजट पर हुई चर्चा
इस सत्र के दौरान अनेक विधायी कार्योंं के सफलतापूर्वक निष्पादन के साथ-साथ आर्थिक सर्वेक्षण, जेंडर बजट, परिणाम बजट, बाल कल्याण योजनाओं के लिए बजट, तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी, तृतीय तिमाही में प्राप्ति एवं व्यय का रुझान एवं 2016-17 के आय-व्ययक का उपस्थापन एवं विभागवार चर्चा हुई.
महत्वपूर्ण विधेयक हुए पास
बिहार विधानमंडल के इस सत्र के दौरान दोनों सदनों ने कई महत्वपूर्ण विधेयक यथा बिहार विनियोग विधेयक 2016, बिहार विनियोग :संख्या 2: विधेयक 2016, बिहार उत्पाद :संशोधन: विधेयक 2016, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग विधेयक 2016, बिहार पंचायत राज :संशोधन: विधेयक 2016, बिहार कराधान विवाद समाधान विधेयक 2016 और बिहार मूल्यवर्द्धित कर विधेयक 2016 को भी पारित किये गये.
फारबिसगंज गोली कांड की रिपोर्ट भी पेश
विधानसभा के इस 16वें तथा बिहार विधान परिषद का 182वें सत्र की 23 बैठकों के दौरान सरकार द्वारा फारबिसगंज पुलिस गोली कांड को लेकर न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट को पेश की गयी. साथ ही कैग की रिपोर्ट भी पेश की गयी. बिहार विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने से पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सदन सचिवालय को प्राप्त 4341 प्रश्नों में से 3520 को जवाब के लिए स्वीकृत किया गया जिनमें 451 का सरकार द्वारा जवाब दिया गया तथा बाकी के उत्तर सदन के पटल पर रखे गये. उन्होंने बताया कि सदन के समक्ष आए 430 ध्यानाकर्षण में 37 सरकार द्वारा जवाब दिये जाने के लिए स्वीकृत हुए तथा 360 को विभिन्न विभागों को जवाब के लिए भेजा गया तथा 37 अस्वीकृत किये गये तथा सदन के समक्ष 265 निजी बिल लाए गये.