मिले 42 करोड़ रुपये
पटना : आइजीआइएमएस क्षेत्रीय कैंसर केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओ से लैस करने और उसे एक ही छत के नीचे लाने के लिए मंगलवार को संस्थान के एकाउंट में 42 करोड़ भेज दिये गये हैं. यह प्रोजेक्ट चार साल पूर्व बनाया गया था और इसको लेकर केंद्र व राज्य सरकार दोनों अपनी ओर से राशि का […]
पटना : आइजीआइएमएस क्षेत्रीय कैंसर केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओ से लैस करने और उसे एक ही छत के नीचे लाने के लिए मंगलवार को संस्थान के एकाउंट में 42 करोड़ भेज दिये गये हैं. यह प्रोजेक्ट चार साल पूर्व बनाया गया था और इसको लेकर केंद्र व राज्य सरकार दोनों अपनी ओर से राशि का आवंटन कर रही है, जिसकी पहली किस्त मंगलवार को आ गयी है. अब दो दिनों के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. योजना को पूरा करने के लिए 12 माह की समय सीमा तय की गयी है. प्रोजेक्ट के लिए कुल 120 करोड़ रुपये की लागत तय की गयी है.
हर फ्लोर पर दी जाने वाली सुविधाएं : ग्राउंड फ्लोर: ओपीडी, गंभीर मरीजों का इलाज, रजिस्ट्रेशन काउंटर, ऑफिस, मरीजों के बैठने की सुविधा. फर्स्ट फ्लोर: डे केयर यूनिट, प्राइवेट और जनरल वार्ड, ऑपरेशन थियेटर और ओटी से जुड़ी हुईं अन्य सुविधाएं भी होंगी.
सेकेंड फ्लोर : एचओडी का कमरा, टेली मेडिसिन की व्यवस्था, शोध कार्य करने की व्यवस्था, लेक्चर रूम, सभागार, विद्यार्थियों के बैठने और पढ़ने की व्यवस्था.
थर्ड फ्लोर : छह बेड का आइसीयू, 24 बेड का प्राइवेट वार्ड, 100 बेड का जेनरल वार्ड
एमआरआइ की सुविधा
दीपावली तक आइजीआइएमएस में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को एमआरआइ की सुविधा मिलने लगेगी. मंगलवार को संस्स्थान निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने कोलकता की जी कंपनी के साथ एमआरआइ के लिए एग्रीमेंट कर लिया है. फिलहाल परिसर में एमआरआइ नहीं होने से मरीजों को बाहर जांच के लिए भेजा जाता है. गौरतलब है कि बिहार के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ की सुविधा नहीं है.
हर्बल गार्डेंन में टेंट हाउस
पटना. गरमी व बारिश में मरीज के परिजनों को रहने में परेशानी नहीं हो, इसको लेकर सीआरपीएफ की ओर से आइजीआइएमएस को टेंट दिया गया है. उसे मंगलवार से बनाना भी शुरू कर दिया गया है. इसमें एक साथ 70 से अधिक परिजन आराम से रह
सकते हैं.