आपके ऊपर गिर सकते हैं ये मकान
पटना सिटी: गलियां हैं तंग यूं कि गुजरती नहीं हवा, हैरान धूप है कि यहां पल रहे हैं लोग, कुछ ऐसी ही व्यवस्था को चित्रित करते गलियों के शहर पटना सिटी में पुराने व जजर्र मकान में जिंदगी पल रही है. ऐसे मकान में जी रहे लोगों की चिंता बरसात शुरू होने के साथ बढ़ […]
पटना सिटी: गलियां हैं तंग यूं कि गुजरती नहीं हवा, हैरान धूप है कि यहां पल रहे हैं लोग, कुछ ऐसी ही व्यवस्था को चित्रित करते गलियों के शहर पटना सिटी में पुराने व जजर्र मकान में जिंदगी पल रही है. ऐसे मकान में जी रहे लोगों की चिंता बरसात शुरू होने के साथ बढ़ जाती है. इतना ही नहीं दरक चुके बैरक में पुलिसकर्मियों का जीवन भी गुजरता है. जान सांसत में डाल जीवन गुजार रहे लोग जहां अर्थाभाव की वजह से सिर से छप्पड़ नहीं हटा पाते हैं, वहीं पुलिस बैरक भी विभागीय दाव-पेंच में फंस मरम्मत नहीं हो पाता है.
पुलिस वालों की जान सांसत में
चौक थाना से सटे बैरक की दीवार 11 अक्टूबर, 2012 को गिरी थी. इस हादसे में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी बाल-बाले बचे थे.हादसे के बाद अधिकारियों की टीम ने थाने का निरीक्षण कर कार्ययोजना तैयार की लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी है. नतीजनत पुलिसवाले आज भी उसी बैरक में रह रहे हैं. ब्रिटिश काल में वर्ष 1902 में स्थापित चौक थाना का भवन पूरी तरह से जर्जर है, जिसका दोबारा निर्माण कार्य नहीं हुआ है. भवन के जर्जर होने पर सिर्फ मरम्मत कर कार्य चलाया जाता रहा है. स्थिति यह है कि मॉनसून आते ही पुलिसकर्मियों की मुसीबत और भी बढ़ गयी है.
विवशता यह है कि बैरक छोड़ कर जायें, तो कहां जायें. पुलिसकर्मियों ने बताया कि थाना बैरक का हर कमरा बरसात में चूता है. ऐसे में पुराने व जर्जर भवन को ले कर खतरा बना रहता है. इसके अलावा धवलपुरा पुलिस चौकी, मोगलपुरा पुलिस चौकी,आलमगंज पुरानी पुलिस चौकी, कोर्ट गस्त पुलिस चौकी समेत अन्य थानों के भवन भी पुराने व जजर्र हैं. विदित हो कि बेगमपुर सती चौड़ा में बुधवार की सुबह ईंट- मिट्टी की दीवार ढहने से सात वर्षीय बच्ची की मौत दब कर हो गयी. शिशुपाल की सात वर्षीय पुत्री चांदनी सुबह में शौच के लिए घर से बाहर निकली थी, उसी समय अश्विनी महतो के मकान की दीवार अचानक गिर गयी. दीवार के बगल में बालू रखा था. ऐसे में संभावना है कि बालू के दवाब दीवार सह नहीं पायी और दीवार गिर गयी.