केंद्रीय टीम ने बिहार में पीडीएस दुकानों की समीक्षा की

केंद्रीय टीम ने बिहार में पीडीएस दुकानों की समीक्षा कीजागो मांझी की मौत के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निर्देश पर हुई समीक्षा संवादाता, पटना केंद्रीय उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान के निर्देश पर उच्‍च स्‍तरीय केंद्रीय टीम ने बिहार में पीडीएस व्यवस्था की समीक्षा की. पासवान ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 10:34 PM

केंद्रीय टीम ने बिहार में पीडीएस दुकानों की समीक्षा कीजागो मांझी की मौत के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निर्देश पर हुई समीक्षा संवादाता, पटना केंद्रीय उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान के निर्देश पर उच्‍च स्‍तरीय केंद्रीय टीम ने बिहार में पीडीएस व्यवस्था की समीक्षा की. पासवान ने जागो मांझी की कथित भूख से मौत की सूचना पर समीक्षा का निर्देश दिया था. भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव दीपक कुमार के नेतृत्‍व में जांच टीम ने राज्य के अधिकारियों के साथ पीडीएस के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की. टीम ने पाया कि कुछ जिलों में अनाजों का समय से उठाव नहीं होता है. इसके कारण पीडीएस के लाभुकों को समय पर राशन नहीं मिलता है. राज्‍य सरकार ने अभी तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों के आंकड़े पीडीएस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है. यह सब्सिडी पर मिलनेवाले अनाज के आवंटन के लिए अनिवार्य है. इसके कारण बड़ी संख्‍या में राज्य के लोगों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल का लाभ नहीं मिल रहा है. समीक्षा में केंद्रीय टीम ने एफसीआइ के गोदामों से समय पर अनाजों के उठाव सुनिश्चित करने का सुझाव दिया. राज्‍यों से यह भी कहा गया है कि वे राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभुकों का डाटा राज्‍य के पीडीएस पोर्टल पर अपलोड करें. केंद्रीय टीम को पटना, अररिया, भोजपुर, भागलपुर और सहरसा जिलों में ही अनाजों के उठाव में समस्या है. इन जिलों में अनियमितताओं की शिकायतों पर गोदामों में छापे मारे गये. कुछ निजी ट्रांस्‍पोर्टरों के लाइसेंस रद्द किये गये. कुछ जिलों में एफसीआइ के गोदाम न होने के कारण अनाज के उठाव पड़ोसी जिलों से किया जाता है. केंद्रीय टीम को राज्य सरकार के अधिकारी ने लाभुकों के आधार नंबर समेत अन्‍य विवरण तीन माह में जमा कर लिया जायेगा. केंद्रीय टीम ने ऑनलाइन आवंटन का फॉर्मेट भी एनआइसी द्वारा सुझाये गये फॉर्मेट के अनुसार नहीं होने की जानकारी दी. समीक्षा के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लीकेज को रोकने के लिए लाभुकों की बायोमीट्रिक पहचान के लिए राशन की दुकानों पर बायोमीट्रिक उपकरण लगायें. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव ने बताया कि यह उपकरण नालंदा जिले के नूरसराय में पीडीएस के 56 दुकानों पर लगाया जा रहा है. उन्‍होंने यह भी बताया कि अगले माह पूर्णिया जिले के एक ब्‍लॉक में पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत अनाज के बदले लाभुकों के एकाउंट में सब्सिडी की राशि दी जायेगी.

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