गरमी में बीमारियां बढ़ीं, पर अस्पतालों में दवा नदारद

गरमी में बीमारियां बढ़ीं, पर अस्पतालों में दवा नदारद – पीएमसीएच, गार्डिनर व गर्दनीबाग अस्पताल में हर दिन आते हैं पांच हजार मरीज- डायरिया, स्कीन प्रॉब्लम, लू लगना, पेट दर्द, उल्टी, दस्त के अधिक पहुंच रहे मरीजसंवाददाता4पटनागरमी बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है. हर दिन इन बीमारियों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2016 9:50 PM

गरमी में बीमारियां बढ़ीं, पर अस्पतालों में दवा नदारद – पीएमसीएच, गार्डिनर व गर्दनीबाग अस्पताल में हर दिन आते हैं पांच हजार मरीज- डायरिया, स्कीन प्रॉब्लम, लू लगना, पेट दर्द, उल्टी, दस्त के अधिक पहुंच रहे मरीजसंवाददाता4पटनागरमी बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है. हर दिन इन बीमारियों से पीड़ित पीएमसीएच से लेकर शहर के दूसरे अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. लेकिन, स्थिति यह है कि अस्पतालों में दवाएं ही उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. पीएमसीएच, गार्डिनर रोड व गर्दनीबाग अस्पताल में हर दिन करीब पांच हजार मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. अस्पतालों में सिर्फ 54 तरह की दवाएं ही उपलब्ध गरमी के मौसम में होने वाली तेज धूप के कारण स्कीन एलर्जी के साथ ही डायरिया जैसी बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है. लू लगने की वजह से नमक और पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में पेट दर्द होने के अलावा उल्टी, दस्त, फीवर जैसी बीमारियां हो जाती हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए ओआरएस, पैरासिटामॉल, कफ सीरफ आदि दवायें देने की जरूरत होती हैं, जो शहर के तीनों सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है. जबकि, तीनों अस्पताल के ओपीडी को जोड़ दिया जाये, तो पांच हजार से अधिक मरीज प्रतिदिन यहां इलाज के लिए आते हैं. पीएमसीएच में सात, गार्डिनर में 38 और गर्दनीबाग में नौ तरह की दवाएं ही उपलब्ब्ध हैं. पीएमसीएच की ओपीडी में दवा नहीं पीएमसीएच के ओपीडी में प्रतिदिन 2500 से 3000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन, यहां मरीजों को सिर्फ सात प्रकार की दवायें ही मिल पा रही हैं. जबकि, यहां 127 प्रकार की दवाएं रखना जरूरी है. वहीं, इमरजेंसी व गायनी विभाग में मरीजों को दवाएं मिल रही हैं. गार्डिनर रोड अस्पताल में होगा सिर्फ इलाज गार्डिनर रोड अस्पताल में अगर डायरिया से पीड़ित मरीज आयेंगे, तो उनका सिर्फ इलाज ही हो पायेगा. दवा नहीं मिल पायेगी. इन दिनों अस्पताल में गैस, बीपी, डायबिटिज की दवाएं ही उपलब्ध हैं. गर्दनीबाग में न डॉक्टर, न दवा गर्दनीबाग अस्पताल में मरीजों को डॉक्टर और दवा दोनों ही सुविधा नहीं मिल पा रही है. यहां ज्यादातर डॉक्टर निर्धारित समय पर आते ही नहीं हैं. मरीजों का सही से इलाज भी नहीं हो पाता है. यहां पिछले आठ महीने से दवाओं की कमी है. यह स्थिति तब है, जब अस्पताल परिसर में ही सिविल सर्जन ऑफिस भी है.क्या कहते हैं अधिकारी अभी हाल ही में पीएमसीएच में दवा खरीद के लिए बजट भेजा गया है. हम लोगों के पास जितना बजट है उतने की लगभग दवाएं खरीदी जा चुकी हैं. जो थोड़ा बहुत पैसा बचा है उससे भी दवा खरीदी जा रही है. बजट आते ही अस्पतालों में जरूरत के अनुसार दवाएं मिलनी शुरू हो जायेंगी. – डॉ जीएस सिंह, सिविल सर्जन \\\\B

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