गांधी सेतु का होगा कायाकल्प, बदलेगा ऊपर का स्ट्रक्चर

केंद्र का बड़ा फैसला पटना : उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफलाइन महात्मा गांधी सेतु को नया जीवन देने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है. इसके तहत सेतु के ऊपरी ढांचे(सड़क भाग) को पूरी तरह बदल दिया जायेगा. कंक्रीट से बनी सड़क की जगह अब स्टील का स्ट्रक्चर बनेगा. सेतु पर अप स्ट्रीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 7:01 AM
केंद्र का बड़ा फैसला
पटना : उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफलाइन महात्मा गांधी सेतु को नया जीवन देने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है. इसके तहत सेतु के ऊपरी ढांचे(सड़क भाग) को पूरी तरह बदल दिया जायेगा.
कंक्रीट से बनी सड़क की जगह अब स्टील का स्ट्रक्चर बनेगा. सेतु पर अप स्ट्रीम यानि पश्चिमी लेन से स्ट्रक्चर बदलने का काम शुरू होगा. सेतु के कायाकल्प के लिए दो से तीन माह में टेेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. सेतु पर बिना किसी बाधा के स्ट्रक्चर बदलने का काम होगा.
पूरे स्ट्रक्चर को बदलने में कम से कम चार साल लगेगा. इस पर लगभग 2800 करोड़ खर्च अनुमानित है. ऊपरी ढांचे को बदलने का जापान की एजेंसी जायका के निर्णय को केंद्र ने मान लिया है. जायका की टीम ने महात्मा गांधी सेतु का अक्तूबर व दिसंबर, 2014 में निरीक्षण कर हर पहलुओं का अध्ययन किया था. इसमें सेतु की स्थिति, यातायात का दबाव, ढांचे को बदलने में लगनेवाला समय आदि का निरीक्षण किया गया था.
विशेषज्ञ ने सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने का परामर्श दिया था. गांधी सेतु के पश्चिमी लेन की पाया संख्या 44 में झुकाव होने के बाद उस साइड वाहनों के परिचालन पर रोक है. पाया संख्या 44 के पास पुल की कटिंग की गयी है. वहां केवल पूर्वी लेन से वाहनों का आना-जाना हो रहा है. सेतु की जर्जर स्थिति को लेकर उस पर भारी वाहनों का परिचालन पर पिछले दो साल से रोक है.
– जायका की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने दी सहमति
– पश्चिमी लेन को बदलने का काम होगा पहले
– टेंडर की प्रक्रिया जारी होगी शीघ्र
– स्ट्रक्चर बदलने के दौरान आवाजाही नहीं होगी बाधित
कंक्रीट की जगह बनेगा स्टील का स्ट्रक्चर
सेतु के ऊपरी ढांचे(सड़क भाग) को बदल कर कंक्रीट की जगह स्टील का स्ट्रक्चर बनेगा. स्ट्रक्चर बदलने का काम पश्चिमी लेन से शुरू होगा. पश्चिमी लेन में पाया संख्या 44 में गड़बड़ी के बाद ऊपरी ढांचे की कटिंग की गयी है.
इस वजह से उस साइड पुल की कटिंग करने में आसानी होगी. ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने की केंद्र की अनुमति मिलने के बाद अब कटिंग किये गये हिस्से को बनाने का काम नहीं होगा. अब पूरे ढांचे के साथ कटिंग वाले हिस्से का काम पूरा होगा. पश्चिमी लेन का स्ट्रक्चर बदलने के बाद पूर्वी लेन का स्ट्रक्चर बदला जायेगा.
सेतु के आसपास बनेंगे छह नये पुल
आरा-बबुरा डोरीगंज छपरा जून 2016 में चालू होने की संभावना
ताजपुर-बख्तियारपुर के बीच पुल 2017 तक होगा पूरा
दीघा सड़क पुल सितंबर, 2016 में एप्रोच रोड का निर्माण के बाद चालू होने की संभावना
कच्ची दरगाह – बिदुपुर के बीच छह लेन पुल 2019 तक पूरा होने का लक्ष्य
महात्मा गांधी सेतु के अप स्ट्रीम यानी पश्चिम साइड में नया पुल प्रस्तावित
मोकामा में राजेंद्र सेतु पर नया पुल प्रस्तावित

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