डॉक्टर को बंधक बना 50 लाख का डाका
पटना/पटना सिटी : दीदारगंज थाना क्षेत्र के गुलिमहया बाग गांव में बुधवार की देर रात हथियारबंद व नकाबपोश अपराधियों ने होम्योपैथ चिकित्सक डॉ सुरेंद्र सिंह के घर पर तांडव मचाया. लगभग पंद्रह-सोलह की तादाद में रहे बदमाशों ने हथियार के बल पर परिवार के सदस्यों को बंधक बना कर डेढ़ घंटे तक लूटपाट की. बदमाशों […]
पटना/पटना सिटी : दीदारगंज थाना क्षेत्र के गुलिमहया बाग गांव में बुधवार की देर रात हथियारबंद व नकाबपोश अपराधियों ने होम्योपैथ चिकित्सक डॉ सुरेंद्र सिंह के घर पर तांडव मचाया. लगभग पंद्रह-सोलह की तादाद में रहे बदमाशों ने हथियार के बल पर परिवार के सदस्यों को बंधक बना कर डेढ़ घंटे तक लूटपाट की.
बदमाशों ने बेटे के नामांकन के लिए घर में रखे तीस लाख रुपये नकद व बेटी के 18 लाख रुपये के आभूषण समेत अन्य कीमती सामान पर हाथ साफ कर दिया. कुल मिला कर अपराधियों ने 50 लाख से ज्यादा की चपत लगायी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी निकल भागने में सफल रहे. किसी तरह से घर के लोग मुक्त हुए और फिर पुलिस को घटना की जानकारी दी.
सूचना पाकर दीदारगंज थाने के साथ फतुहा व अन्य थानों की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच की. मौके पर ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद,डीएसपी अनोज कुमार, फिंगर प्रिट व श्वान दस्ता भी पहुंचा. ग्रामीण एसपी एलएम प्रसाद ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
मोबाइल का सिम तोड़ा, बेसिक फोन ले गये
पीड़ित चिकित्सक ने बताया कि लूटपाट की घटना को अंजाम देने के बाद वे लोग घर से लगभग ढाई बजे निकले. जाने के क्रम में अपराधियों ने मोबाइल फोन का सिम निकाल कर तोड़ दिया और मोबाइल के साथ बेसिक फोन को भी अपने साथ ले गये. हालांकि बदमाशों के जाने के बाद पीड़ित ने शोर मचाया और पुलिस को भी सूचना दी. इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और मामले का जांच आरंभ की. फतुहा थाना पुलिस पहुंची. इसके बाद छानबीन शुरू हुई. गुरुवार को घटनास्थल फिंगर प्रिट व श्वान दस्ता भी पहुंचा.
टू गया सपना
डॉ सुरेंद्र का कहना है कि बेटा मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बने, इसी सपना को साकार करने के लिए उसने रिश्तेदारों व परिचितों से कर्ज के रूप में तीस लाख रुपये जमा किया था.
बेटा निखिल का नामांकन सासाराम स्थित मेडिकल कालेज में करना था, इसी के लिए कर्ज में लिए पैसे को दीवान में रखे थे, लेकिन बदमाशों ने घर के हर आलमीरा व कमरों की तलाशी ले सपनों पर ग्रहण लगा दिया है. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करे. जबकि दो बेटी वंदना व खुशबू के साथ पत्नी के सोने-चांदी के जेवर भी रखे थे, जो लगभग 18 लाख रुपये के है, उसे भी अपने साथ ले गये. थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार कहना है कि शीघ्र ही मामले का उद्भेदन किया जायेगा. पुलिस टीम गठित कर छापेमारी की जा रही है.
अपराधियों ने पहले से ही कर रखी थी रेकी
जिस तरह से घटना को अंजाम दिया है, इसकी प्लानिंग अपराधियों ने पहले से ही कर रखी थी. श्री सिंह के पास तीस लाख रुपये हाल में ही आये थे. इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया. यह स्पष्ट है कि अपराधियों के तीस लाख रुपये घर में होने की जानकारी हो चुकी थी.
अब पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि अपराधियों को इस संबंध में जानकारी कैसे मिली? इससे यह अर्थ लगाया जा रहा है कि किसी जानकार ने पूरी प्लानिंग की थी और अपराधियों को पूरी जानकारी भी उसने ही दी थी. इसके अलावा जानकार ने ही घर के अंदर रात में प्रवेश करने के लिए रास्ता भी बताया था. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, हालांकि पुलिस फिलहाल डकैतों तक नहीं पहुंच पायी है. इस तरह की घटना दीदारगंज थाना इलाके में पहले नहीं हुई थी.
चादर काट बांधा हाथ-पांव, बनाया बंधक
पीड़ित चिकित्सक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार की रात वो अपने कमरे में सो रहे थे, जबकि बगल के कमरे मे पत्नी देवयंती देवी व दिव्यांग बेटी 17 वर्षीय प्रीति कुमारी थी. तभी रात लगभग एक बजे घर का मुख्य द्वार फांद एक दर्जन से अधिक हथियार से लैस बदमाश घर में प्रवेश कर गये. इसके बाद कमरे में रखे चादर को फाड़ कर हाथ-पांव बांध दिया और मुंह में कपड़ा डाल दिया.
पत्नी का भी हाथ-पांव बाध दिया. घर में मात्र चार सदस्य पति-पत्नी, बेटी व मां माया देवी थी. बंधक बनाने के बाद बदमाशों ने लगभग डेढ़ घंटे तक सभी कमरों को खंगाल दिया. उन्होंने बताया कि कर्ज लेकर बेटे के नामांकन के लिए रखे 30 लाख रुपये और दो बेटी खुशबू व वंदना के 18 लाख रुपये के गहने भी वे लोग अपने साथ ले गये. बदमाश गमछा से चेहरा ढके थे.