केंद्र की अनदेखी से बिहार का नुकसान

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील मोदी केंद्र सरकार के आंकड़ों को बड़े ही सफाई के साथ रखते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण बिहार को 20 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोई भी ऐसा क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 7:55 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील मोदी केंद्र सरकार के आंकड़ों को बड़े ही सफाई के साथ रखते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण बिहार को 20 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जहां केंद्र सरकार ने बिहार की योजना में कटौती नहीं की हो. बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल वित्त प्रबंधन से बिहार का विकास दर 18 प्रतिशत से अधिक रिकॉर्ड किया गया है और खुद नीति आयोग ने बिहार के विकास को सराहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की राजनीतिक सोच के कारण केंद्र द्वारा प्रदेश के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है. 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा में भी बिहार जैसे गरीब राज्य की अनदेखी की गयी है. बिहार के किस क्षेत्र में कितना पैसा काटा गया केंद्र ने वित्त पोषण और बदलाव के करण 11,100 करोड़ की कमी कर दी है. उग्रवाद प्रभावित जिले के लिए केंद्रीय सहायता में 1,500 करोड़ काटे गये.
एनएच के रख-रखाव में 134 करोड़ रुपये काटे गये. सर्व शिक्षा अभियान में 1024 करोड़ रुपये कम किये गये, जबकि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना में 1,100 करोड़ की कटौती की गयी. इंदिरा आवास में 115 करोड़ रुपये की कटौती, बाढ़ प्रबंधन में 251 करोड़ की कटौती समेत कुल 66 योजनाएं हैं, जिनमें कटौती की गयी है. जिन योजनाओं में शत प्रतिशत राशि मिलती थी, उसमें भी कमी कर दी गयी है. संजय सिंह ने कहा कि लंबे अरसे से राज्य सरकार केंद्र से वित्तीय सहायता की गुहार लगाती रही है और अभी भी लगा रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए विशेष योजना के तहत स्वीकृत 1887.53 करोड़ रुपये तुंरत जारी किये गये. इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से यह भी मांग की गयी कि 10वीं और 11वीं पंचवर्षीय योजना की लंबित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए 615.90 करोड़ रुपये की राशि के अलावा 12वीं पंच वर्षीय योजना की लंबित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए 4877.77 करोड़ रूपये की राशि भी जारी की जाये़

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