पुलिस अफसरों को समझाया गया एनबीएफसी का विनियामक ढांचा, विज्ञापन
पुलिस अफसरों को समझाया गया एनबीएफसी का विनियामक ढांचा, विज्ञापन- अारबीआइ ने आयोजित की कार्यशाला, शामिल हुईं कई एजेंसियांसंवाददाता, पटना नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का विनियमन विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा किया जाता है. कई बार अप्राधिकृत निकाय इसका फायदा उठा कर धोखाधड़ी कर आम जनता से धन इकट्ठा कर लेते हैं. जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों […]
पुलिस अफसरों को समझाया गया एनबीएफसी का विनियामक ढांचा, विज्ञापन- अारबीआइ ने आयोजित की कार्यशाला, शामिल हुईं कई एजेंसियांसंवाददाता, पटना नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का विनियमन विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा किया जाता है. कई बार अप्राधिकृत निकाय इसका फायदा उठा कर धोखाधड़ी कर आम जनता से धन इकट्ठा कर लेते हैं. जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को इन्हीं बिंदुओं पर क्लियर करने के लिए आरबीआइ ने कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को एनबीएफसी से संबंधित वर्तमान विनियामक ढांचे तथा जांच के दौरान अपनाये जाने वाले दृष्टिकोण से परिचित कराया गया.वित्तीय साक्षरता सप्ताह (04-08 अप्रैल) के तहत आरबीआइ के गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा व इओयू के आइजी जेएस गंगवार ने संबोधित किया. वर्मा ने अवैध निकायों की अप्राधिकृत गतिविधियों को रोकने में कानून लागू करने वाली एजेंसियों के महत्व पर जोर दिया. गंगवार ने कहा कि इस क्षेत्र में भागीदारों की विविधता तथा विनियामकों की बहुलता के कारण कार्यशाला के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गयी. उन्होंने सहभागियों से इस क्षेत्र में अपने व्यक्तिगत अनुभवों तथा मुद्दों पर चर्चा करने का अनुरोध किया. कार्यशाला में आरबीआइ के सहायक महाप्रबंधक आनंद व शारिक होदा, सेबी के सहायक महाप्रबंधक राकेश कुमार और अनंत शक्ति, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़, पटना यू एस पटोले, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय से शशि शेखर सिन्हा तथा संस्थागत वित्त विभाग, बिहार सरकार के अपर सचिव सुशील कुमार ने सत्रों का संचालन किया. गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के महाप्रबंधक आरके हंसदा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.