सूचना का अधिकार ‘आप’ का हथियार

पटना : सूबे की परपंरागत राजनीति से इतर ‘आप’ की कक्षा में ‘केजरीवालगिरी’ का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. यह प्रशिक्षण उन लोगों के लिए है जिन्होंने पिछले दिनों देश में पहली बार आम आदमी की राजनीति करने का संकल्प लिया है. ऐसे लोगों के लिए रविवार को एक कक्षा लगायी गयी, जिसमें ‘आप’ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2013 4:58 AM

पटना : सूबे की परपंरागत राजनीति से इतर ‘आप’ की कक्षा में ‘केजरीवालगिरी’ का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. यह प्रशिक्षण उन लोगों के लिए है जिन्होंने पिछले दिनों देश में पहली बार आम आदमी की राजनीति करने का संकल्प लिया है.

ऐसे लोगों के लिए रविवार को एक कक्षा लगायी गयी, जिसमें ‘आप’ के सदस्यों को केजरीवालगिरी की राजनीति का प्रशिक्षण दिया गया. इसमें प्रशिक्षक की भूमिका में थे आम आदमी पार्टी के पटना व मगध प्रमंडल के संयोजक आरिफ रजा मौसमी और विषय था आम आदमी की जन समस्याओं को मुद्दा बनाना और उनकी समस्याओं को लेकर आम आदमी और व्यवस्था के बीच सीधा संवाद स्थापित करना.

यह पहला मौका था

यह पहला मौका था जब आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने समस्याओं की ढेर पर खड़े आम आदमी की समस्याओं और उसके समाधान को लेकर शंखनाद किया हो. जगह थी राजधानी की घनी आबादी वाला मुहल्ला मुसल्लहपुर के निजी स्कूल का सभागार और कक्षा में बैठे थे युवा राजनीति के वे चेहरे जो अब देश में राजनीति की धारा मोड़ देने का संकल्प ले चुके हैं.

आरिफ रजा मौसमी ‘आप’ से जुड़े युवाओं की टीम को केजरीवाल स्टाइल राजनीति का पाठ सिखा रहे थे. यह कोई नया पाठ नहीं था, बल्कि पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले के आजामये हुए थे. इसमें उन गरीबों के मुद्दे थे जिनका चूल्हा सरकार द्वारा हर महीने मिलने वाले वृद्धावस्था, विधवा व विकलांगता पेंशन से जलता है.

उन लोगों से जुड़े सवाल थे जिनके घर में पीने का पानी नहीं आता या आता भी है तो इतना गंदा कि उसे पीना संभव नहीं है. उन लोगों के थे जिनके आवेदन पर प्रखंड स्तर से लेकर सचिवालय स्तर के कार्यालयों में निर्णय तो दूर, विचार तक नहीं किया जाता. उन मरीजों के लिए थे जो सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों और दवा के भरोसे स्वस्थ्य जीवन जीने का सपना देखते हैं.

उन बच्चों के लिए थे जिन्हें सरकार ने कानून बनाकर बड़े-बड़े पब्लिक स्कूलों में नामांकन की कागजी सुविधा तो दे दी, लेकिन इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है. प्रशिक्षण में ‘आप’ के सदस्यों को प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी से लेकर सचिवालय में बैठने वाले मुख्य सचिव और प्रधान सचिव स्तर के अधिकारियों पर आम आदमी की समस्याओं का समाधान करने का दबाव बनाने के गुर सिखाये गये.

बताया कि सूचना के अधिकार को हथियार बनाकर कैसे लड़ें. थाना हो या पुलिस मुख्यालय, आम आदमी की समस्या को दूर करने में गंभीरता नहीं दिखायी जाती है, तो उनसे कैसे निबटें.

वार्ड पार्षदों को कैसे प्रावधानों के तहत हर वार्ड में मुहल्ला कमेटी का गठन करने पर मजबूर किया जाये, ताकि यहां की समस्याओं को मुहल्ला स्तर पर ही एकजुटता से दूर किया जा सके.

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