…छह करोड़ पड़े हुए हैं, कभी जरूरतमंदों का दर्द भी समझिए
…छह करोड़ पड़े हुए हैं, कभी जरूरतमंदों का दर्द भी समझिए – डीएम ने क्लर्क की कुर्सी पर बैठकर सामाजिक सुरक्षा कोषांग का लिया हाल ताे दिखी हकीकत संवाददाता4पटना ये बताइए कि कौन सा प्रखंड पेंशन देने में सबसे आगे है? कौन सा प्रखंड पीछे है? जब डीएम संजय अग्रवाल ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग में […]
…छह करोड़ पड़े हुए हैं, कभी जरूरतमंदों का दर्द भी समझिए – डीएम ने क्लर्क की कुर्सी पर बैठकर सामाजिक सुरक्षा कोषांग का लिया हाल ताे दिखी हकीकत संवाददाता4पटना ये बताइए कि कौन सा प्रखंड पेंशन देने में सबसे आगे है? कौन सा प्रखंड पीछे है? जब डीएम संजय अग्रवाल ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग में पहुंचकर सहायक निदेशक से प्रश्न पूछा तो लंबी चुप्पी छा गयी. डीएम ने फिर कहा बताइए…डीडीसी इसी बीच बेलछी का नाम लेते हैं. तो, सहायक निदेशक भी बेलछी कहते हैं. क्या मतलब है? डीडीसी फुसफुसाए तो आप प्रखंड का नाम बता रहे हैं? कभी मॉनीटरिंग करते हैं या नहीं? मैं देख रहा हूं कि छह करोड़ रुपये आपके खाते में पड़े हुए हैं. जब जरूरतमंदों को दिया ही नहीं जाना था तो फिर क्यों राशि नहीं सरेंडर किये?भिक्षावृति योजना कौन देखते हैं? हम हैं सर. क्लर्क असगर अली ने जवाब दिया. बताइए क्या है योजना? क्लर्क नहीं बता पाते हैं. फिर उनसे मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, कुष्ठ रोगियों से संबंधित योजना के संबंध में सवाल किये जाते हैं. उन्हें जानकारी नहीं थी और वे जवाब नहीं दे सके. डीएम ने फटकारते हुए कहा कि कभी कुष्ट रोगियों के दर्द में खुद का दर्द भी ढूंढ कर देखिए. अली से भी शो-कॉज पूछा गया. जब अटेंडेंस की जांच हुई तो पाया कि कर्मचारी ओम प्रकाश ने एक दिन पहले ही अपना एटेंडेंस बना लिया था. उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है.28 फरवरी से रौकड़ बही संधारित नहीं पाया गया तो नाजिर प्रमोद कुमार गुप्ता और प्रधान लिपिक अजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया. कार्यपालक सहायक मो लई ने पेंशन वितरण की रिपोर्ट सही फॉर्मेट में तैयार नहीं की थी. डीएम ने उनके 30 प्रतिशत कटौती कर वेतन भुगतान करने का निर्देश डायरेक्टर को दिया. एक सप्ताह में हालत नहीं सुधरने पर कार्रवाई होगी. लिपिक तरुण कुमार एवं नाजिर प्रमोद कुमार गुप्ता विकलांग छात्रवृति योजना से संबंधित 58 लाख राशि को खर्च नहीं कर सके, तो डीएम ने दोनों से कारण बताने के लिए कहा.