पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जद–यू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ क्षेत्रीय पहचान वाले एक और दल में राजनीतिक शक्ति का केंद्रीकरण पूरा हो गया. अब मायावती, ममता बनर्जी और लालू प्रसाद की तरह नीतीश कुमार की जेब में भी एक पार्टी होगी.
उन्हें न किसी दूसरे नेता पर भरोसा है और न पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की कोई चिंता. पिछली विधानसभा के आठ विधायकों को नीतीश–विरोध की कीमत चुकानी पड़ी थी. नीतीश कुमार ने अंगुली पकड़ कर राजनीति सिखाने वाले जार्ज फर्नांर्डीस के बाद शरद यादव को भी किनारे लगा दिया. उन्होंने 2009 में जाॅर्ज को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं पाने दिया. शरद यादव को बड़ी
मशक्कत के बाद अपमानजनक तरीके से राज्यसभा का टिकट दिया गया था. बिहार की जनता जब भी नीतीश कुमार को राज्य की सेवा के लिए विशाल बहुमत देती है, वे राष्ट्रीय राजनीति में जाने की महत्वाकांक्षा पर काम करने लगते हैं.