नीतीश ने संभाली जदयू की कमान

नयी दिल्ली : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने रविवार को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. 23 अप्रैल को पटना में होनेवाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस निर्णय पर विधिवत मुहर लगायी जायेगी. बैठक में नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष शरद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2016 1:37 AM
नयी दिल्ली : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने रविवार को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. 23 अप्रैल को पटना में होनेवाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस निर्णय पर विधिवत मुहर लगायी जायेगी. बैठक में नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने रखा, जिसका अनुमोदन राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने किया. पूरी कार्यकारिणी ने इस पर मुहर लगायी.
कार्यकारिणी की बैठक में नये अध्यक्ष के चुनाव से पहले निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें अपना कार्यकाल नहीं बढ़ाने के शरद यादव के निर्णय को सैद्धांतिक, गरिमापूर्ण व राजनीति की उच्चतम मान्यताओं को स्थापित करनेवाला बताया गया. गौरतलब है कि 2013 में पार्टी के संविधान में संशोधन कर शरद यादव को तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. लेकिन, इस बार उन्होंने इसके लिए पार्टी संविधान में किसी संशोधन से इनकार कर दिया.
पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार के समक्ष अन्य राज्यों में भी भाजपा को हराने के लिए बिहार के फाॅर्मूले के इस्तेमाल की चुनौती होगी. अगले साल होनेवाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए जदयू अन्य दलों से गंठबंधन पर विचार कर रहा है. रालोद सहित कुछ क्षेत्रीय दलों से उसकी बातचीत चल रही है. जदयू का मानना है कि यदि विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोकने में विरोधी दल सफल रहे, तो 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए बहुत ही मुश्किल साबित हो जायेगा, क्योंकि सबसे ज्यादा सीटें यूपी से ही भाजपा को मिली हैं.
कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि जिस तरह से देश में आज माहौल बन रहा है, उसमें भाजपा से जदयू के अलग होने का फैसला ऐतिहासिक साबित हुआ है. क्योंकि अटल-आडवाणी की विचारधारा को भाजपा भूल रही है. हाल ही में जो कुछ हुआ है, उससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है.

केंद्र सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है. इसलिए देश में एक बार फिर से वही स्थिति आ गयी है, जो पहले थी. त्यागी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से आरएसएस की गिरफ्त में है, जो तिरंगा को भारत का झंडा नहीं, बल्कि भगवा रंग को भारत का झंडा मानता है. भाजपा ने जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से हाथ मिलाया है उससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा क्या चाहती है. त्यागी ने जदयू में ‘एक व्यक्ति एक पद’ से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि जाॅर्ज फर्नांडीस, शरद यादव, चौधरी चरण सिंह आदि सरकार में मंत्री होते हुए भी अध्यक्ष पद पर भी रहे थे. इसलिए ऐसी बातें जदयू पर लागू नहीं होती हैं.

राजनीति व समाजसेवा से अलग नहीं रहूंगा : शरद
कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी पदाधिकारियों की शरद यादव के आवास पर बैठक हुई, जिसमें उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से दल के हित में काम करने की बात कही. उन्होंने कहा, मैं जदयू अध्यक्ष पद से विदा हो रहा हूं, पर राजनीति और समाजसेवा से कभी भी अलग नहीं हो सकता हूं. पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में जब प्रस्ताव पढ़ा जा रहा था, तो माहौल बहुत ही भावुक हो गया. शरद ने पदाधिकारियों से कहा कि देश के सामने चुनौती है, इसलिए सभी को पूरी ऊर्जा के साथ काम करने की जरूरत है.
शरद जी का मार्गदर्शन हमेशा बना रहेगा : नीतीश
अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी ने मुझे जो जिम्मेवारी दी है, उसका मैं बखूबी निर्वहण करूंगा. शरद यादव का मार्गदर्शन हमेशा बना रहेगा. उनके मार्गदर्शन में पार्टी और अधिक ऊर्जा के साथ काम करेगी. कार्यकारिणी की बैठक में शरद यादव द्वारा अपने राजनीतिक कैरियर में स्थापित किये गये उच्च मानदंडों के साथ ही पार्टी हित में किये गये कामों के लिए उन्हें बधाई दी. साथ ही उन्हें मार्गदर्शन भी देते रहने का आग्रह किया गया.
मैं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से विदा हो रहा हूं, पर राजनीति और समाजसेवा से कभी भी अलग नहीं हो सकता हूं. िफलहाल देश के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं, इसलिए पार्टी के सभी पदािधकािरयों को पूरी ऊर्जा के साथ काम करने की जरूरत है.
शरद यादव

Next Article

Exit mobile version