जिसको बिहार आना है आये, नहीं आना है मत आये, बिहार ड्राइ स्टेट ही रहेगा : नीतीश
पटना : बिहार विधानसभा बजट सत्र की समाप्ति के बाद पहले जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने आज सैकड़ों फरियादियों की शिकायतें सुनी. मुख्यमंत्री ने जनता दरबार के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेस में सूबे में शराबबंदी का विरोध करने वाले लोगों पर जमकर हमला बोला. नीतीश कुमार ने बिहार पर्यटन, ट्यूरिज्म और होटल व्यवसाय पर असर […]
पटना : बिहार विधानसभा बजट सत्र की समाप्ति के बाद पहले जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने आज सैकड़ों फरियादियों की शिकायतें सुनी. मुख्यमंत्री ने जनता दरबार के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेस में सूबे में शराबबंदी का विरोध करने वाले लोगों पर जमकर हमला बोला. नीतीश कुमार ने बिहार पर्यटन, ट्यूरिज्म और होटल व्यवसाय पर असर पड़ने का बहाना बनाकर शराब की वकालत करने वालों की क्लास ली. उन्होंने वैसे लोगों को चेताया, जो शराब की वकालत कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जिसको बिहार आना है, वह आये, जिसे नहीं आना है, वह नहीं आये. बिहार ड्राइ स्टेट बन गया है और ड्राइ स्टेट ही रहेगा.
जन आंदोलन की ज्वाला है पूर्ण शराबबंदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को समर्थन करना चाहिए. सरकार ने लाखों महिलाओं और लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए इस फैसले पर अमल किया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ बिहार ही नहीं, अगल-बगल के राज्यों में भी इसका असर पड़ेगा, सिर्फ आप देखते जाईए. कई राज्यों में चुनाव है. तमिलनाडु में तो आवाज उठने भी लगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से शराबबंदी को लेकर एक जन आंदोलन की ज्वाला निकली है जो सामाजिक आंदोलन बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत सोच समझकर फैसला लिया है और उस पर अडिग है.
हॉस्पिटलिटी औरपर्यटन पर असर नहीं
मुख्यमंत्री ने टयूरिज्म पर असर की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. बिहार ऋषि-मुनियों और संतों का प्रदेश रहा है. यहां पर्यटन और पर्यटक भी उसी नेचर के आते हैं. उन्होंने कहा कि क्या होटल बिना शराब के नहीं चल सकता ? होटल में शराब मिलना जरूरी है ? यह बात पूरी तरह बकवास है. शराब नहीं पीने से जो पैसा लोगों के पास बचेगा, उससे वह होटल में जाकर खाना खाएंगे, तो होटल की आमदनी होगी. नीतीश कुमार ने कहा कि वैसे भी बिहार में पर्यटक बौद्ध धर्मवालंबी और ज्यात्तर अध्यात्मिक पर्यटक आते हैं. कुछ लोग गया में पितृ तर्पण के लिये आते हैं. यही पर्यटन है और शराबबंदी का असर इस पर बिल्कुल नहीं पड़ेगा.
हम व्यक्ति के खिलाफ नहीं, शराब के खिलाफ हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं बल्कि शराब के खिलाफ हैं. जिन्हें नशे की लत है और डी-एडिक्सन सेंटर में उनका इलाज चल रहा है और कोई उसी दौरान अपना जीवन गंवा देता है तो सरकार उस स्थिति में उसके साथ खड़ी है. उसे तत्काल आर्थिक मदद दी जायेगी. नीतीश ने कहा कि शराब के खिलाफ युवा, महिला और पुरुष भी हैं. यह सिर्फ कुछ लोगों द्वारा इस तरह की बात फैलायी जा रही है कि इससे असर पड़ेगा. इससे कुछ असर नहीं पड़ेगा, बल्कि लोगों के पास और पैसा होगा. उस पैसे से वह दूसरा काम करेंगे. होटल में जाकर खाना खायेंगे और स्वस्थ्य रहेंगे.
सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये की आमदनी को तिलांजलि दी
नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि आज की तारीख में जो लोग होटल, पर्यटन और हॉस्पिटलिटी के प्रभावित होने की बात कह रहे हैं. वैसे लोगों को उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि बिहार सरकार को उत्पाद विभाग और इससे जुड़े विभागों से सालाना लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की आमदनी होती थी. सरकार ने एक झटके में उस आमदनी से किनारा कर लिया. अब मात्र चंद करोड़ रुपये के लिए हम पर्यटन के नाम पर शराब पीने की छूट दें. उन्होंने कहा कि ऐसा कतई नहीं हो सकता.