शरद यादव को 90 दिन और क्यों नहीं बर्दाश्त कर पाये नीतीश : सुशील मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमारसेसवाल करतेहुए कहाकि उन्हें बताना चाहिए, उनको जदयू अध्यक्ष बनने की इतनी जल्दी क्यों थी. जबकि शरद यादव का कार्यकाल तीन माह बचा होने के बावजूद उनसे इस्तीफा लेना पड़ा.सुशील मोदी ने कहाकिसीएमनीतीश शरद यादव को 90 दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2016 8:22 PM

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमारसेसवाल करतेहुए कहाकि उन्हें बताना चाहिए, उनको जदयू अध्यक्ष बनने की इतनी जल्दी क्यों थी. जबकि शरद यादव का कार्यकाल तीन माह बचा होने के बावजूद उनसे इस्तीफा लेना पड़ा.सुशील मोदी ने कहाकिसीएमनीतीश शरद यादव को 90 दिन भी बर्दाश्त करने को क्यों नहीं तैयार थे.

सुशील मोदी ने आगेकहा कि अभी जदयू का संरचनात्मक चुनाव बिहार सहित कई राज्यों में पूरे भी नहीं हुआ है. फिर ऐसा क्या था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाकर शरद यादव जैसे वरिष्ठ नेता का आंसू भरा इस्तीफा ले लिया गया.

बंगाल व असम में चुनाव प्रचार के लिए क्यों नहीं गये नीतीश
भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल व असम में बिहारियों की अच्छी संख्या होने के बावजूद नीतीश कुमार दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए क्यों नहीं गये. असम में नीतीश कुमार ने अजमल की पार्टी से समझौता किया, लेकिन कांग्रेस को साथ नहीं रख सके. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों से जदयू का समझौता था, फिर भी नीतीश कुमार ममता बनर्जी के विरुद्ध प्रचार करने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

बिहार के बाहर जदयू का नहीं कोई आधार : मोदी
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की मात्र 25-30 सीटों पर असर रखने वाली कटपीस पार्टी को मिलाकर नीतीश कुमार भाजपा को चुनौती देने का सपना देख रहें हैं. बिहार से बाहर जदयू का कोई जनाधार नहीं होने के बावजूद केवल हवाबाजी की जा रही है.

सुमो ने कहा, लालू प्रसाद को भी होगी बेचैनी

सुशील मोदी ने कहा कि जदयू को नीतीश कुमार ने जिस तरह से हाइजैक किया है उससे लालू प्रसाद को भी बेचैनी होगी. वे अच्छी तरह जानते हैं कि जो नीतीश कुमार जाॅर्ज और शरद यादव के नहीं हुए. जिन्होंने 17 साल तक साथ रहने के बावजूद भाजपा को धोखा दिया वे लालू प्रसाद को भी छोड़ सकते हैं. लालू प्रसाद केवल सजायाफ्ता होने की मजबूरी में नीतीश कुमार के साथ हैं.

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