अगले सीएम का चयन करेगा अगड़ा व मुसलिम

प्रो़ रामजतन सिन्हा ने श्रीबाबू की जयंती पर सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की पटना : डाॅ श्रीकृष्ण सिंह राजनैतिक चेतना फ्रंट के राजनीतिक सम्मेलन में फ्रंट के संस्थापक प्रो़ रामजतन सिंहा ने कहा कि 2020 में बिहार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला राज्य की बहुसंख्यक आबादी का प्रतिनिधित्व करनेवाली अगड़ी जातियां व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2016 6:11 AM
प्रो़ रामजतन सिन्हा ने श्रीबाबू की जयंती पर सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की
पटना : डाॅ श्रीकृष्ण सिंह राजनैतिक चेतना फ्रंट के राजनीतिक सम्मेलन में फ्रंट के संस्थापक प्रो़ रामजतन सिंहा ने कहा कि 2020 में बिहार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला राज्य की बहुसंख्यक आबादी का प्रतिनिधित्व करनेवाली अगड़ी जातियां व मुसलमान समाज के लोग करेंगे. साथ ही फ्रंट ने सरकार से श्रीकृष्ण सिंह जयंती की छुट्टी घोषित करने और इनकी जयंती पर ही बिहार दिवस का आयोजन करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव व बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में नये राजनीतिक ध्रुवीकरण की जरूरत है. देश के नीति निर्धारण में अपनी भूमिका निभाने वाला समाज हाशिये पर खड़ा है. यही स्थिति मुसलमान की भी है. राजनीतिक परिस्थितियों में 25 फीसदी अगड़ी जाति व 16 से 18 फीसदी मुसलमानों को भी राजनीतिक रूप से ध्रुवीकृत होकर एक राजनीतिक संगठन बनाने का यह सही वक्त है.
बिहार के राजनैतिक सत्ता पर काबिज होने के लिए समाज को टुकड़ों में बांटा गया. उन्होंने तकरीबन सभी जातियों की आबादी का ब्योरा जारी करते हुए कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जिस जाति के नेता हैं, उसकी आबादी करीब 11 फीसदी है. नीतीश कुमार की स्वजाति कुर्मी की आबादी दो फीसदी है. तीन फीसदी आबादी वाले पासवान जाति के कबीले की बागडोर रामविलास पासवान ने संभाली, तो चार से पांच फीसदी आबादी वाली कोयरी जाति को उपेंद्र कुशवाहा पल्लवित करने में लगे हैं़.
यहां तक कि सत्ता की
महत्वाकांक्षा ने करीब ढाई फीसदी आबादी वाले मांझी व भुईयां जाति का मुखिया जीतन राम मांझी बने. राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद वर्ष 1990 जैसे हालात पैदा हो गये हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति लचर व भ्रष्टाचार बढ़ा है. जातिवाद की घृणित राजनीति ने पूरी तरह पैर फैला लिया है. उन्होंने कहा कि फ्रंट की कमेटियों की घोषणा मई माह के पहले सप्ताह में होगा. 20 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच राज्यस्तरीय राजनैतिक सम्मेलन पटना में होगा.

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