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नीतीश का एलान : अब भाजपा की गुंजाइश नहीं
भाजपा के खिलाफ होगी व्यापक गोलबंदी भाजपा विरोधी खेमे से कांग्रेस या लेफ्ट बाहर नहीं पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ व्यापक गोलबंदी का एलान कर दिया है. सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे कितना पापड़ बेल ले, 2019 में […]
भाजपा के खिलाफ होगी व्यापक गोलबंदी
भाजपा विरोधी खेमे से कांग्रेस या लेफ्ट बाहर नहीं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ व्यापक गोलबंदी का एलान कर दिया है. सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे कितना पापड़ बेल ले, 2019 में कोई गुंजाइश नहीं है. इसके लिए ‘लारजेस्ट पोसिबल यूनिट’ बनाया जायेगा.
इसमें जो भाजपा के सिद्धांतों व नीतियों को सही नहीं मानते हैं, वे साथ आ सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा विरोधी खेमे से कांग्रेस या लेफ्ट बाहर नहीं हैं. वे भी तो भाजपा की नीतियों के खिलाफ हैं. मन में यह बात आ गयी है कि एक बार (2014 में) धोखा हुआ है और धोखे में आ गये हैं. इसके खिलाफ जनमानस बन रहा है.
पीएम पद का दावेदार नहीं
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के सवाल पर नीतीशकुमार ने कहा, मैं प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं हूं. हम यहां काम कर रहे हैं. राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं. देश हित के मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करना नैतिक कर्तव्य है. बिहार में काम करते हैं और गांधी, लोहिया, जेपी के बताये रास्ते पर चलते हैं और उनकी धारणा के अनुरूप बात रखते हैं.
उन्होंने कहा कि किसी को किस पद के लिए लायक दूसरे लोग समझते हैं, खुद से इसका आकलन नहीं किया जाता. क्या क्षमता है या नहीं है, ये लोग महसूस करते हैं. लोगों ने जो जनादेश दिया है, वह जबरदस्त है. यह साधारण चीज नहीं है. लगातार तीसरी मिलना बड़ी बात है. हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे कि लोगों का यह भरोसा टूटे.
भाजपा के खिलाफ एक साथ कैंपेन होगा और साथ में लड़ेंगे चुनाव
नीतीश कुमार ने कहा कि एक पार्टी के नीचे आना सभी के लिए संभव नहीं है. साथ ही साथ आने के लिए सभी का मर्जर जरूरी नहीं है. इनमें कुछ दलों का मर्जर, कुछ का गंठबंधन, तो कुछ वैचारिक रूप से एक साथ आ सकते हैं. वैचारिक कार्यक्रम एक हो गया, तो लोगों के बीच जायेंगे, एक साथ कैंपेन होगा और साथ में चुनाव लड़ेंगे. गैर भाजपा दलों में वैचारिक एकता आने से आगे की रणनीति बन गया, वहीं गंठबंधन व एकता का रूप है. ब्राडर एलायंस होना चाहिए. यह शक्ति भाजपा को पूरी तरह हरा सकती है. उन्होंने कहा कि भाजपा को उसके सिद्धांतों व नीतियों के कारण हराना चाहते हैं, जो वह लागू करने में लगी है. यह लोकतंत्र व अखंडता की एकता को ठेस पहुंचानेवाला है. लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने जो वादा किये थे, उन्हें तो भूल गये. उल्टे भावनात्मक मुद्दे उठा कर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. देश की अखंडता, एकता और शांति के लिए महागंठबंधन किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने बिहार में जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन का हवाला देते हुए कहा कि यहां तो मर्जर नहीं हुआ. तीनों दलों का महागंठबंधन है. बिहार विधानसभा चुनाव में अपार बहुमत मिला और सरकार चल रही है. इसकी तारीफ भी देश भर में हो रही है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के इस बयान पर कि शरद यादव का राजनीतिक कैरियर खत्म हो गया, नीतीश कुमार ने कहा कि वे ऐसा क्यों कहेंगे? लालू प्रसाद और शरद यादव का संबंध पुराना और अच्छा है. वे एेसी बात नहीं कर सकते. शरद यादव की जदयू में अहमियत रही है और सदैव रहेगी. प्रेस काॅन्फ्रेंस में शिक्षा सह आइटी मंत्री अशोक चौधरी और एसएसी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार निराला भी मौजूद थे.
बिहार के काम में नहीं आयेगी बाधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर शरद यादव आगे नहीं रहना चाहते थे. यह उनका व्यक्तिगत फैसला था और उन्होंने त्यागपत्र दिया. सबकी इच्छा कि मैं दायित्व संभालूं. इसे मैंने स्वीकार किया. पहले भी पार्टी का काम करते रहे हैं. पद पर आसिन होकर काम नहीं करते थे. अब दायित्व संभाला है, तो बिहार के काम में बाधा नहीं आयेगी. पहले भी समय देते थे और अब भी समय देंगे.wबावजूद इसके बिहार के लोगों ने जो पहले जिम्मेदारी सौंपी है, वह प्राथमिकता है. किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी.
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