पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार में ताड़ी पर प्रतिबंध नहीं होने का दावा करते हुए आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शराबबंदी की आड़ में राजनीतिक कारणों से पासी समाज को निशाना बनाया जा रहा है.
सुशील ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार उत्पाद अधिनियम में ताड़ी पर प्रतिबंध का कही कोई उल्लेख नहीं है, न ही बिहार में ताड़ी को मादक पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है. फिर किस आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने पासी समाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का राज्य के सभी जिलाधिकारियों को वीडियों कान्फ्रेंंसिंग कर आदेश दिया.
भाजपा नेता ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजनीतिक कारणों से पासी समाज को निशाना नहीं बनाया जा रहा है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बताये कि जब ताड़ी पर प्रतिबंध नहीं है तो पासी समाज के हजारों लोगों को गिरफ्तार कर जेल में बंद क्यों किया जा रहा है.
सुशीलमोदी ने आरोप लगाया कि पासी समाज के लोगों को पुलिस किस आधार पर धमका रही है कि ताड़ी बेचते पकड़े जाने पर उनके खिलाफ भी दस वर्ष की सजा और मृत्युदंड तक का प्रावधान है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार दरअसल लालू प्रसाद के मुख्यमंत्रित्व काल 1991 के जिस सर्कुलर के नियम का हवाला दे रहे हैं उसमें भी कहीं ताड़ी के उत्पादन, संधारण, उपभोग व व्यापार पर कोई प्रतिबंध नहीं है. उसमें केवल यह उल्लेख है कि किन-किन जगहों पर ताड़ी की दुकानें नहीं खुल सकती है. इसकी आड़ में पासी समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि असल में 1991 का यह सर्कुलर कागज पर ही रह गया था और व्यवहार में कभी लागू ही नहीं हुआ. सुशील ने मांग की है कि बदले हुए संदर्भ में सरकार इस नियम को शिथिल कर पासी समाज के लोगों को राहत दें.