52 कांस्टेबलों का वेतन रुकेगा

सख्ती. बॉडीगार्ड से हटाने के बाद भी पुलिस लाइन में नहीं दे रहे योगदान तीन दिनों के अंदर करना था योगदान पटना : व्यवसायियों, बिल्डरों, कोचिंग संचालकों व वीआइपी से वापस लिए गये 150 बॉडीगार्डों में से अभी भी 52 कांस्टेबलों ने पुलिस लाइन में योगदान नहीं दिया है. इन सभी का वेतन बंद किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2016 2:05 AM
सख्ती. बॉडीगार्ड से हटाने के बाद भी पुलिस लाइन में नहीं दे रहे योगदान
तीन दिनों के अंदर करना था योगदान
पटना : व्यवसायियों, बिल्डरों, कोचिंग संचालकों व वीआइपी से वापस लिए गये 150 बॉडीगार्डों में से अभी भी 52 कांस्टेबलों ने पुलिस लाइन में योगदान नहीं दिया है. इन सभी का वेतन बंद किया जा रहा है.
इसके लिए एसएसपी मनु महाराज ने पुलिस लाइन के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है. अभी तक 98 कांस्टेबलों ने पुलिस लाइन में योगदान दिया है. डीआइजी शालीन ने एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिया था कि जो भी तीन दिनों के अंदर पुलिस लाइन में योगदान नहीं करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये. यह समयसीमा खत्म हो जाने के बाद वेतन रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दूसरी ओर कोचिंग संचालक, व्यवसायी आदि एसएसपी के पास पहुंच रहे हैं और उनसे बॉडीगार्ड वापस नहीं लिये जाने का अनुरोध कर रहे हैं.
स्टेटस सिंबल बने हुए थे 150 कांस्टेबल
पटना जिले में 150 कांस्टेबल बिल्डर, व्यवसायियों और वीआइपी केस्टेटस सिंबल बन कर घूम रहे थे. ये सभी बॉडीगार्ड के रूप में तैनात थे और इनकी जरूरत इन लोगों को नहीं थी. इसका खुलासा उस समय हुआ था
जब एसएसपी मनु महाराज ने आइजी कुंदन कृष्णन व डीआइजी शालिन
के निर्देश पर उन तमाम कांस्टेबल की तैनाती की समीक्षा की थी, जो कहीं- न-कहीं बॉडीगार्ड के रूप में तैनात थे. समीक्षा के दौरान 150 बॉडीगार्डों की उपयोगिता संबंधित व्यक्तियों के साथ महसूस नहीं की गयी. इसके बाद उनसभी कांस्टेबल को पुलिस लाइन वापस आ कर योगदान करने का निर्देश दिया गया था. आम लोगों की सुरक्षा के लिए बल की कमी होने के कारण यह समीक्षा की गयी थी.
853 जवान बॉडीगार्ड के रूप में हैं तैनात
पटना जिले में 853 कांस्टेबल विधायकों, नेताओं, बिल्डरों, व्यवसायियों की सुरक्षा में बॉडीगार्ड के रूप में तैनात हैं. पटना जिले की आबादी 41 लाख (2011 की जनगणना के अनुसार) के आसपास है और पटना पुलिस में मात्र साढ़े सात हजार कांस्टेबल हैं. जनसंख्या के अनुपात में सुरक्षाकर्मियों की भारी कमी के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में कांस्टेबलों को बॉडीगार्ड बनाया गया है.
कड़ी कार्रवाई की जायेगी
जिन कांस्टेबलों ने अभी तक योगदान नहीं दिया है, उनकी सूची बनायी जा रही है. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल इनका वेतन बंद कर दिया जायेगा.
मनु महाराज, एसएसपी, पटना

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