परदे के पीछे कहीं कोई अपना तो नहीं

पटना : दवा व्यवसायी अनिल कुमार अग्रवाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार अपराधियों को पकड़ कर जेल भेज दिया है. पुलिस का दावा है कि घटना को इसी गिरोह ने अंजाम दिया है, जबकि इसके दो अपराधी राकेश और मुकेश अभी फरार हैं. इन दोनों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए काफी अहम हैं, क्योंकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2016 6:30 AM
पटना : दवा व्यवसायी अनिल कुमार अग्रवाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार अपराधियों को पकड़ कर जेल भेज दिया है. पुलिस का दावा है कि घटना को इसी गिरोह ने अंजाम दिया है, जबकि इसके दो अपराधी राकेश और मुकेश अभी फरार हैं. इन दोनों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए काफी अहम हैं, क्योंकि ये दोनों हत्याकांड से जुड़े और भी रहस्य का खुलासा कर सकते हैं.
अनिल के छोटे भाई मनीष ने भी सवाल उठाया और कहा है कि इस वारदात के पीछे कोई जान-पहचान वाले अपनों या उनसे जुड़े किसी का हाथ भी हो सकता है, जो अब तक पुलिस की पूछताछ में सामने नहीं आया है. इसके पीछे मनीष ने तर्क दिया कि इतनी बड़ी मंडी में उनके भाई को ही अपराधियों ने क्यों टारगेट किया? इसका साफ अर्थ है कि किसी जानकार ने इन अपराधियों को इस बात की जानकारी दी है कि दुकान में लाखों रुपये काउंटर में हैं. यह जानकारी किसी बाहर वाले को किसी भी हालत में नहीं हो सकती है.
मनीष ने बताया कि शुक्रवार को दिन में पैसा जमा हुआ था और शाम की बिक्री का पैसा रह गया था. इसके बाद शनिवार को सेकेंड शनिवार होने के कारण बैंक बंद रहा और फिर रविवार को भी बैंक बंद था. बैंक सोमवार को खुलता तो काउंटर में रखे पैसे जमा करा दिये जाते.
लेकिन इसके पूर्व ही वारदात को अंजाम दे दिया गया. इससे भी साफ स्पष्ट है कि अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के लिए दुकान खुलने का ही समय सेट किया, क्योंकि देरी करने पर वे पैसे बैंक में जमा करने के लिए चले जाते. इसके कारण पूरी तरह शक है कि इस बात की पूरी जानकारी किसी अपने ने ही अपराधियों को दी थी और सारी साजिश रची थी.
अपराधियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जरूरत : मनीष ने पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताया है और बताया कि सीसीटीवी फुटेज से चार अपराधियों को पकड़ा गया. पकड़े गये अपराधी वही हैं, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया. लेकिन, हमें संदेह है कि अपराधियों ने पुलिस को ठीक से जानकारी नहीं दी है, उन लोगों को रिमांड पर लेकर और भी पूछताछ की जरूरत है.
सोमवार को जीएम रोड के एसपी घोष लेन में दिनदहाड़े दवा व्यवसायी अनिल कुमार अग्रवाल की हत्या कर दी गयी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन दिनों के अंदर वीडियो फुटेज व हत्या के लिए इस्तेमाल की गयी बाइक के नंबर के आधार पर चार अपराधियों को गिरफ्तार किया. इसमें चंदन कुमार, रूपेश कुमार, जितेंद्र कुमार व आकाश उर्फ छोटू शामिल हैं. फिलहाल अपराधियों ने पुलिस को केवल इतनी जानकारी दी है कि वे लोग लूटपाट के इरादे से वहां पहुंचे थे. हालांकि राकेश और मुकेश (आलमगंज निवासी) अब भी बाहर हैं.
इनमें से मुकेश शातिर अपराधी है और यह सचिवालय व आलमगंज थाना क्षेत्र में हुए कई आपराधिक मामलों में वांछित है. मुकेश की पूरी हिस्ट्री पुलिस को मिल चुकी है. फिलहाल पुलिस भी यह मान कर चल रही है कि मुकेश ही पूरे मामले का मास्टरमाइंड है और उसके संबंध गोविंद मित्रा रोड के लोकल असामाजिक तत्वों से रहे हैं. पुलिस ने उसके आलमगंज आवास पर भी छापेमारी की, लेकिन वह सोमवार को घटना को अंजाम देने के बाद से ही अपने घर वापस नहीं लौटा है.

Next Article

Exit mobile version