सामान्य शिक्षा नीति से जुड़ेंगे दिव्यांग, शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग
अनुपम कुमारी पटना : अब राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे करीब दो लाख दिव्यांग छात्र सामान्य शिक्षा नीति से जुड़ेंगे. इसके लिए शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से स्कूलों में दिव्यांगों को अन्य बच्चों के साथ समान्य शिक्षकों द्वारा पढ़ाई उपलब्ध कराने का […]
अनुपम कुमारी
पटना : अब राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे करीब दो लाख दिव्यांग छात्र सामान्य शिक्षा नीति से जुड़ेंगे. इसके लिए शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से स्कूलों में दिव्यांगों को अन्य बच्चों के साथ समान्य शिक्षकों द्वारा पढ़ाई उपलब्ध कराने का माहौल बनाया जा रहा है.
सौ मास्टर ट्रेनर तैयार
इसके लिए पूरे बिहार में 100 मास्टर ट्रेनर तैयार किये गये हैं. ये मास्टर ट्रेनर 31 मार्च 2016 तक 709 संस्थान शिक्षकों एवं पुनर्वास केंद्रों में काम कर रहे प्रशिक्षकों और 648 प्रखंड साधन सेवियों को ट्रेनिंग देंगे. इनसीइआरटी द्वारा अलग-अलग कोटि के दिव्यांगों के लिए तैयार मॉड्लस के जरिये शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. तकनीकी सहयोग यूनिसेफ की ओर से प्रदान किया जा रहा है.
10 तरह के विकलांगों को समझ सकेंगे शिक्षक
इसके जरिये शिक्षकों को कुल दस तरह के विकलांगों केबारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को किस प्रकार से शिक्षित किया जाये, जिसे वे आसानी से समझ सकें. डाइस के डाटा के अनुसार बिहार में नि:शक्त बच्चों की संख्या एक लाख 99 हजार 162 हैं, जो विद्यालयों में नामांकित हैं. वहीं, संसाधन शिक्षकों द्वारा कराये गये गृह आधारित सर्वें के अनुसार 6-14 वर्ष के सभी कोटि के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की संख्या 2,37,253 है. इसमें विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या एक लाख 99 हजार 162 है.
सुविधाओं का अभाव
सर्वें के अनुसार स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में इन बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल स्तर से सुविधाएं मुहैया करायी जानी है. इसके लिए प्रखंड स्तर पर नि:शक्ता पंजी तैयार किया जा रहा है. इसमें बच्चों की संपूर्ण विवरण अंकित होगा.