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कैलशियम से ज्यादा विटामिन डी कारगर

काफी विद् डॉक्टर. प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की पहल पर हड्डी व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट पर चर्चा पटना : इन दिनों हड्डियों व जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. कुछ पीड़ित ऐसे हैं जो कैलशियम की दवा खाते हैं और अपनी हड्डी को मजबूत करने में लगे रहे रहते […]

काफी विद् डॉक्टर. प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की पहल पर हड्डी व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट पर चर्चा
पटना : इन दिनों हड्डियों व जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. कुछ पीड़ित ऐसे हैं जो कैलशियम की दवा खाते हैं और अपनी हड्डी को मजबूत करने में लगे रहे रहते हैं.
लेकिन, हर रोग की दवा सिर्फ कैलशियम नहीं होती. यह कहना है पारस एचएमआरआइ के हड्डी रोग और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट डॉ निशिकांत कुमार का. शनिवार
को प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की ओर से आयोजित काफी विद डॉक्टर की शृंखला में हड्डी और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोग पर चर्चा हुई. कार्यक्रम में पटना सहित पूरे बिहार से सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे, जिनकी समस्या मौके पर ही हल कर दी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जान मुखोपाध्याय ने की. डॉ मुखोपाध्याय ने लोगों को ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के प्रति जागरूक किया. कार्यक्रम का संचालन तुलिका ने किया.
केवल कैलशियम दवा की भूमिका नहीं : लोगों को उपाय बाते हुए डॉ निशिकांत ने कहा कि हड्डी मजबूत करने के लिए कैलशियम की दवा खाते हैं. लेकिन, अगर लोग विटामिन डी की दवा खायें तो ज्यादा कारगर होगी.
बैक पेन और ज्वाइंट पेन के बारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि दर्द होने पर लोग नार्मल पेन किलर खाकर काम चला लेते हैं. जब तक दवा का असर रहता है, दर्द कम रहता है. असर खत्म होते ही दर्द फिर से शुरू हो जाता है. नतीजा बाद में एक बड़ा रोग जन्म ले लेता है. उन्होंने बताया कि हड्डी रोग के इलाज में केवल दवाओं की कोई भूमिका नहीं है. किसी भी मरीज की हड्डी टूटने, घुटने में खराबी आने और पीठ की नस दबने पर सिर्फ नश्तर चलाना (ऑपरेशन) ही इलाज है.
ये हैं हड्डी के मुख्य रोग
तेज कमर दर्द होना, जोड़ों का दर्द और सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस हड्डियों के रोगों से संबंधित कॉमन प्रॉब्लम हैं. इसके अलावा हड्डी रोगों में कुछ तो जन्मजात होते हैं, कुछ उम्र के साथ पैदा होते हैं और कुछ अनियमित जीवन यापन के कारण होते हैं.
इस लिए होता है हड्डी और ज्वाइंट का रोग
अधिक आयु का होना
शरीर का वजन कम होना
अंगरेजी दवा का अधिक सेवन करना
थायराइड हारमोन का कम-ज्यादा होना
कोर्टिकोस्टराईड दवाएं लंबे समय तक उपयोग करना.
तंबाकू और शराब का अधिक सेवन करना
यह करें तो आप रहेंगे
चुस्त और दुरुस्त
मांस के बजाय हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें
शराब और धूम्रपान का सेवन कम करें
रोजाना धूप में बैठे, ताकि विटामिन डी मिलती रहे
प्रतिदिन एक हजार एमजी कैलशियम और 500 एमजी मैग्नेशियम का उपयोग करें.
प्रतिदिन एक चम्मच शहद का सेवन करें.
वसा रहित पावडर का दूध कैल्सियम की आपूर्ति के लिए सही है. इससे हड्डियां ताकतवर बनती हैं. इसके अलावा गाय या बकरी का दूध भी लाभकारी है

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