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JDU का अनिल सहनी को अल्टीमेटम, जवाब दें वरना, अनुशासनात्मक कार्रवाई

पटना : सीबीआई के एलटीसी घोटाला मामले में कथित फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को लेकर आरोप पत्र दाखिल किये जाने के बाद जदयू द्वारा अपने सांसद अनिल सहनी को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने पर सहनी ने खुद को इस मामले में निर्दोष बताते हुए कहा कि वे इसको लेकर अपना पक्ष अपनी पार्टी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 11:38 AM

पटना : सीबीआई के एलटीसी घोटाला मामले में कथित फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को लेकर आरोप पत्र दाखिल किये जाने के बाद जदयू द्वारा अपने सांसद अनिल सहनी को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने पर सहनी ने खुद को इस मामले में निर्दोष बताते हुए कहा कि वे इसको लेकर अपना पक्ष अपनी पार्टी के समक्ष रखेंगे.

अभी मुझे नोटिस नहीं मिला-सहनी

अनिल सहनी को अभियोजित करने के लिए राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी द्वारा अपनी मंजूरी दिये जाने के बाद जदयू के उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया, इस पर सहनी ने कहा कि मुझे अभी यह प्राप्त नहीं हुआ है. मैैं अभी मुजफ्फरपुर में हूं और उक्त नोटिस दिल्ली स्थित उनके आवास भेजा गया होगा, पर मैं अपनी पार्टी के समक्ष अपना जवाब रखूंगा. जदयू से दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बने सहनी ने इस मामले को एक बार फिर स्वयं को निर्दोष बताया और आरोप लगाया कि जिन्हें इस मामले में आरोपित किया गया है उनके द्वारा उन्हें फंसाया जा रहा है.

जदयू का अंदरूनी मामला

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी मुलाकात इसको लेकर मुख्यमंत्री और जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है, सहनी ने कहा कि अभी तक नहीं हो पायी है. सहनी ने कहा कि यह एक परिवार :जदयू: के बीच का मामला है. जब भी समय मिल जायेगा वह नीतीश जी से मिलकर अपनी बात रखेंगे तथा सच्चाई से उन्हें अवगत करायेंगे. सहनी ने अपने निर्दोष होने को लेकर उनके बैंक खाता की जांच कर लिए जाने की दलील दी.

के.सी. त्यागी ने भेजा है नोटिस

जदयू महासचिव के सी त्यागी ने सहनी को भेजे कारण बताओ नोटिस में कहा है कि एलटीसी मामले में एक आरोप पत्र दाखिल किया गया है. राज्यसभा सभापति से मामले में न्यायिक कार्यवाही के लिए इजाजत मिलने के बाद यह एक गंभीर चिंता बन गयी है. यह बहुत स्पष्ट है कि वित्तीय अनियमितता में ऐसी संलिप्तता पार्टी की घोषित नीतियों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि आशा है कि आप राज्यसभा में जदयू नेता शरद यादव के समक्ष एक हफ्ते के अंदर अपना रुख स्पष्ट करेंगे. यदि आप ऐसा करने में नाकाम रहें तो पार्टी आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी.

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