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खुशखबरी ! उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को 2 अक्टूबर से मिलेगा 4 लाख का लोन

पटना : बिहार के उन छात्रों के लिये खुशखबरी है जो आर्थिक परेशानियों की वजह से पढ़ाई को अधूरा छोड़ते हैं या उच्च शिक्षा नहीं ले पाते. बिहार सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सात निश्चय के तहत छात्रों के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत जल्द स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को धरातल पर लाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 2:33 PM
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पटना : बिहार के उन छात्रों के लिये खुशखबरी है जो आर्थिक परेशानियों की वजह से पढ़ाई को अधूरा छोड़ते हैं या उच्च शिक्षा नहीं ले पाते. बिहार सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सात निश्चय के तहत छात्रों के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत जल्द स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को धरातल पर लाने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान कहा कि आगामी दो अक्टूबर से बिहार के जिलों में यह योजना शुरू हो जायेगी. 15 सितंबर से इस योजना का ट्रायल होगा और जिला स्तर पर निबंधन कार्यालय बनेंगे.

चार लाख तक मिलेगा क्रेडिट

योजना के तहत आवेदनों के आधार पर सरकार उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को चार लाख तक का ऋण मुहैया करायेगी. जानकारी के मुताबिक बैंक और अभ्यर्थियों के साथ बैठक कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को अंतिम रूप दिया जायेगा. योजना के तहत छात्रों को कहीं बाहर जाकर या प्रदेश में ही उच्च शिक्षा ग्रहण के लिए चार लाख रुपये की राशि मुहैया करायी जायेगी.

सात निश्चय पर हंसने वालों को मिलेगा जवाब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि साइकिल योजना की शुरुआत में इसी प्रकार उनकी आलोचना हुई थी. यह योजना कितनी सफल हुई यह सब लोग देख सकते हैं. नीतीश कुमार की मानें तो यह योजना भी उतनी ही सफल होगी. निबंधन कार्यालय में क्रेडिट कार्ड के लिए स्टूडेंट आवेदन देंगे उसके बाद उनके आवेदन के आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी और यथा शीघ्र उनके खाते में राशि जमा हो जायेगी.

जल्द दिखेगा लाभ

मुख्यमंत्री के मुताबिक इस योजना का लाभ बहुत जल्द दिखने लगेगा. साइकिल योजना की तरह बच्चे इस योजना से भी लाभान्वित होंगे. राज्य सरकार ने पहले प्राथमिक और फिर माध्यमिक शिक्षा की स्थिति में सुधार किया है. अब सरकार द्वारा उच्च शिक्षा पर बेहतर काम करने का प्रयास चल रहा है. सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा में ग्रास इनरोलमेंट अनुपात मात्र 13 फीसदी है जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने की योजना है.

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