नीदरलैंड के राजदूत ने सीएम को भेजा पत्र, मत तोडिए पटना का कलेक्ट्रेट भवन

पटना : नीदरलैंड ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) का परिसर न गिराने का अनुरोध किया है. यह इमारत पटना में नीदरलैंड के इतिहास की आखिरी निशानियों में से एक है. नीदरलैंड ने साथ ही बिहार सरकार से सदियों पुरानी इस इमारत परिसर को राज्य पुरातत्व विभाग के तहत सूचीबद्ध करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2016 1:52 AM
पटना : नीदरलैंड ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) का परिसर न गिराने का अनुरोध किया है. यह इमारत पटना में नीदरलैंड के इतिहास की आखिरी निशानियों में से एक है. नीदरलैंड ने साथ ही बिहार सरकार से सदियों पुरानी इस इमारत परिसर को राज्य पुरातत्व विभाग के तहत सूचीबद्ध करने की मांग की.
वैकल्पिक इस्तेमाल की बने योजना : भारत में नीदरलैंड के राजदूत अलफोंसस स्टोलिंगा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिख कर गंगा के किनारे स्थित इन पुरानी इमारतों का समय के अनुरूप नया इस्तेमाल करने की सलाह दी. पत्र में लिखा कि मुझे खबर मिली है कि दोनों देशों की इस साझा विरासत को किसी भी समय गिराया जा सकता है. मेरा दिल से मानना है कि भारत-नीदरलैंड के इतिहास के प्रतीक इस धरोहर इमारत का नवीनीकरण किया जा सकता है. वैकल्पिक इस्तेमाल की योजना बनायी जा सकती है. राज्य पुरातत्व विभाग के नियमों के तहत इमारत परिसर को सूचीबद्ध किया जा सकता है.
सहयोग की पेशकश : स्टोलिंगा ने अपने पत्र में एनआइटी-पटना और बिहार सरकार को धरोहर इमारतों के ‘अनुकूल पुन: इस्तेमाल’ के विषय पर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को लेकर एक सहयोगपूर्ण परियोजना पर काम करने की भी पेशकश की है. स्टोलिंगा ने कहा कि इस तरह के सहयोगपूर्ण कार्यक्रमों से दोनों पक्षों में आदान-प्रदान के रास्ते खुलेंगे और साझा विरासत की बेहतर समझ का भी विकास होगा. पटना की असंरक्षित धरोहर इमारतों की संवेदनशीलता को रेखांकित करते हुए धरोहर संगठन आइएनटीएसीएच और प्रसिद्ध इतिहासकारों, वास्तुकारों व पूर्व न्यायाधीशों सहित सिविल सोसाइटी सदस्यों ने भी गत छह अप्रैल को मुख्यमंत्री से इमारत को गिराने के बजाय उसका नवीनीकरण करने की अपील की थी.
पटना में डच इतिहास के निशान
पटना समाहरणालय, पटना कॉलेज की मुख्य प्रशासनिक इमारत और गुलजारबाग इलाके में स्थित अफीम के गोदाम के अवशेष शहर में डच इतिहास की आिखरी निशानी हैं. पटना 17वीं-18वीं शताब्दी में अफीम के व्यापार के प्रमुख केंद्रों में से एक था और डच इस्ट इंिडया कंपनी ने यहां गंगा के किनारे अफीम के कारखाने और गोदाम बनाये थे.
पुराने को तोड़ कर दो नये भवन बनाने की योजना
राज्य सरकार ने वर्तमान पटना कलेक्ट्रेट भवन को तोड़ कर उसकी जगह दो नये भवन बनाने की योजना बनायी है. नये प्लान के तहत समाहरणालय के मुख्य परिसर में 1.40 लाख वर्गफुट का बिल्ट अप एरिया होगा. इसमें 35-35 हजार वर्गफुट में चार-चार फ्लोर के दो भवन बनाये जायेंगे. पूरे परिसर को इस तरह बनाया जायेगा कि कलेक्ट्रेट घाट जाने के लिए उसके अंदर से नहीं जाना पड़े. इसके लिए अलग से एक अप्रोच रोड तैयार किया जायेगा. परिसर में भवनों के सामने ही पार्किंग स्थल बनाये जायेंगे.

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