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झाड़ू, बेलचा न कुदाल, चल पड़े कचरा उठाने

निगम बोर्ड की बैठक. पार्षदों ने उठाये सवाल, बिना तैयारी कैसे शुरू हुआ डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन बैठक में डेढ़ घंटा सिर्फ नाला उड़ाही व सफाई पर चर्चा हुई. इसमें मेयर और पार्षदों के निशाने पर अधिकारी रहे. आरोप लगाया गया कि संसाधन के अभाव में ठीक से सफाई कार्य नहीं हो रहा है. पटना : […]

निगम बोर्ड की बैठक. पार्षदों ने उठाये सवाल, बिना तैयारी कैसे शुरू हुआ डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
बैठक में डेढ़ घंटा सिर्फ नाला उड़ाही व सफाई पर चर्चा हुई. इसमें मेयर और पार्षदों के निशाने पर अधिकारी रहे. आरोप लगाया गया कि संसाधन के अभाव में ठीक से सफाई कार्य नहीं हो रहा है.
पटना : प्रयोग के तौर पर कुछ वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू किया गया. लेकिन, अब तक जैसा काम हुआ उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि डोर-टू-डोर बिना मुकम्मल तैयारी के शुरू किया गया. अब तक दस-दस हाथ ठेले नहीं खरीदे गये. सफाई निरीक्षक के स्तर से अब तक झाड़ू, बेलचा, कुदाल व चूना-ब्लीचिंग की खरीदारी सुनिश्चित नहीं की गयी. इस स्थिति में निगम क्षेत्र की सफाई संभव नहीं है. यह मुद्दा सोमवार को मेयर अफल इमाम की अध्यक्षता में आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने उठाया. बैठक में अधिकतर अधिकारी मेयर से लेकर तमाम पार्षदों के निशाने पर रहे.
इस पर मेयर ने कहा कि स्थायी समिति व निगम बोर्ड से मासिक जरूरत तय कर निरीक्षक स्तर से खरीदारी का निर्णय लिया गया है. नगर आयुक्त ने भी इस बाबत आदेश दिया है. पटना सिटी के कार्यपालक पदाधिकारी ने मेयर से कहा कि नगर आयुक्त का आदेश प्राप्त है, पर राशि उपलब्ध नहीं कराया गयी है. राशि उपलब्ध कराने के बाद शीघ्र खरीदारी सुनिश्चित कर दी जायेगी.
तीन माह में क्यों नहीं दिया वर्क ऑर्डर : बैठक में वार्ड पार्षद विनय कुमार पप्पू व संजय कुमार सिंह ने कहा कि स्थायी समिति में निर्णय के साथ-साथ सफाई की समीक्षा के दौरान भी वार्ड स्तर पर पांच-पांच ठेले देने की बात कहीं गयी. लेकिन दो-दो ठेले ही दिये गये हैं. तीन ठेले कहां गये.
इसके जवाब में मेयर ने कहा कि तीन माह पहले ट्रैक्टर की जगह 155 छोटे वाहन खरीदने का निर्णय लिया गया. इसको लेकर टेंडर नहीं निकालना है, सिर्फ वर्क ऑर्डर देना है. फॉगिंग मशीन खरीदने को लेकर भी वर्क ऑर्डर देना है. इसके बावजूद अब तक वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया. मेयर की आपत्ति के जवाब में नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि दस दिनों के भीतर पूरी प्रक्रिया पर कार्रवाई करते हुए वर्क ऑर्डर दे दिया जायेगा.
देहाती वार्ड में डोर-टू-डोर की क्या जरूरत: डोर-डू-डोर कचरा कलेक्शन पर चर्चा के दौरान वार्ड पार्षद संजय कुमार सिंह ने पूछा कि इसे सभी वार्डों में क्यों नहीं शुरू किया गया है. इस पर मेयर ने कहा कि अभी इसे महत्वपूर्ण वार्डों में ही प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है. इस पर वार्ड पार्षद दीपक कुमार चौरसिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि संजय जी, लगता है आपका वार्ड देहाती वार्ड है.
बैठक में हुई डेढ़ घंटा केवल नाला उड़ाही व सफाई पर चर्चा
बोर्ड की सहमति बगैर स्वीकृति गलत
नाला उड़ाही पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने कहा कि कहीं नाला उड़ाही नहीं हो रही है. नाला उड़ाही के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है. इस पर मेयर ने कहा कि हम भी सदन को बता रहे है कि मॉनसून से पहले स्थायी समिति व निगम बोर्ड से नाला उड़ाही में होने वाले खर्च को स्वीकृति देते है, लेकिन इस बार बिना स्वीकृति के ही अंचलों को राशि आवंटित कर दी गयी है, जो घोर वित्तीय अनियमितता है. इस पर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि महापौर ने इस अनियमितता पर संज्ञान लेते हुए बोर्ड को बताया है, तो बोर्ड की जिम्मेवारी होती है कि कार्रवाई सुनिश्चित की जाये. बोर्ड तय करे जिम्मेवार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जायेगी. इसके जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि बजट में प्रावधान है, जिसके आलोक में राशि आवंटन की जाती है. नगर आयुक्त के जवाब पर दीपक कुमार चौरसिया ने कहा कि बोर्ड से स्वीकृति जरूरी है.
एक करोड़ खर्च के बाद भी लाभ नहीं
वार्ड पार्षद तरुणा राय ने जलापूर्ति पर चर्चा के दौरान सवाल उठाते हुए कहा कि खांजेकला में दो वर्ष पहले एक करोड़ की लागत से बोरिंग स्थापित की गयी. इस बोरिंग का उद्घाटन मंत्री जी कर गये और शिला पथ पर नाम भी दर्ज कराये. लेकिन, आज तक बोरिंग से पानी नहीं आया.
इस गरमी में लोग परेशान है. इस पंप हाउस में सेकेंड हैंड ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है, जिसे बिजली विभाग कनेक्शन भी नहीं दे रहा है. इसके बावजूद कंपनी को भुगतान कर दिया. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि बुडको के माध्यम से काम पूरा कराया गया. इस शिकायत से प्रधान सचिव को अवगत करायेंगे. इसके साथ ही जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 1.57 करोड़ खर्च करने की स्वीकृति भी दी गयी है.
प्रत्येक वार्ड में समरसेबल पंप
बैठक में पार्षदों ने सवाल उठाते हुए कहा कि गरमी आ गयी और वार्ड में जल संकट की समस्या गहराने लगी है. खराब चापाकल भी दुरुस्त नहीं किये जा रहे हैं. एक करोड़ की योजना में चापाकल लगाने या पाइप लाइन बिछाने की अनुशंसा कर सकते है.
इसके जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि चापाकल नहीं लग सकता है, लेकिन समरसेबल पंप लगाया जा सकता है. सभी वार्ड पार्षद एक-एक समरसेबल पंप लगाने की अनुशंसा करें, तो लग जायेगा. इसके साथ ही 14वें राज्य वित्त आयोग से मिली राशि का 30 प्रतिशत जलापूर्ति योजना पर खर्च करने की स्वीकृति दी गयी.
अब तक अधूरा है जीरो प्वाइंट
वार्ड नंबर 31 की पार्षद पिंकी कुमारी ने पूछा कि बड़े-बड़े नालों की उड़ाही की जा रही है, लेकिन छोटे-छोटे नालों की उड़ाही अब तक क्यों शुरू नहीं की गयी है. वहीं, कंकड़बाग में अशोक नगर जीरो प्वाइंट की बड़ी समस्या है. अब तक इसका समाधान नहीं किया गया है. नगर आयुक्त ने कहा कि दस मई से मिनी संप हाउस लगाने का कार्य शुरू किया जायेगा. फिलहाल पिछले साल किये गये प्रवधान को ही इस वर्ष माॅनसून के दौरान किया जायेगा.
क्या अब दौड़ा कर पीटने की जरूरत है
वार्ड में शहरी गरीबों को विकलांग प्रमाण पत्र, विधवा प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.
आवेदन दे-दे कर पार्षद थक गये हैं. अधिकारी मलाई खा रहे हैं और पार्षद जनता से गाली सुन रहा है. क्या अब अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने की जरूरत हो गयी है. इस पर तत्काल मेयर ने कहा कि असंसदीय भाषा ठीक नहीं है. समस्या है, तो समाधान होगा. पार्षद के जवाब में पटना सिटी के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि आवेदन बीडीओ को लौटा दिया गया है. आवेदन आरटीपीएस काउंटर पर जमा करें.

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