पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की वकालत किये जाने का समर्थन करते हुए आज कहा कि वह (नीतीश) क्यों नहीं हो सकते हैं.
पत्रकारोंद्वारा तेजस्वी से यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार ‘पीएम मेटेरियल’ हैं, उन्होंने अपने पार्टी प्रमुख तथा पिता लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने का समर्थन किये जाने की चर्चा करते हुए कहा, ‘क्यों नहीं है. ईमानदार हैं, अच्छी छवि हैं उनकी, केंद्र में मंत्री रहने के साथ बिहार में कई बार मुख्यमंत्री रहे हैं. अनुभवी व्यक्ति हैं. उनके पास दृष्टि है. सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, एकजुटता और गरीबों के बारे में सोचते हैं. देश की तरक्की चाहते हैं. ऐसा कोई भी व्यक्ति सोचता हो जिसके पास इतना बड़ा अनुभव है तो वे क्यों नहीं हो सकते.
यह पूछे जाने पर कि नीतीश कुमार और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में कौन प्रधानमंत्री पद के लिए बेहतर विकल्प हैं तेजस्वी ने कहा कि इस बारे में राष्ट्र निर्णय लेगा. यह पूछे जाने कि राजद के प्रधानमंत्री पद के इन दोनों में कौन उम्मीदवार होंगे तेजस्वी ने कहा कि जब समय आएगा तो इस पर निर्णय लिया जाएगा.
तेजस्वी ने कहा कि इसे क्यों अभी मुद्दा बनाया जा रहा है जब समय आयेगा तो इस पर चर्चा होगी. लोग तो पहले हमारे एकजुट होने पर प्रश्न खड़ा करते थे. ऐसा हो जाने पर कहा गया कि सीटों का बंटवारा होगा या नहीं, वह भी हो गया तथा उसके बाद यह कहा जाने लगा कि क्या लालू जी अधिक सीट आने पर नीतीश जी को मुख्यमंत्री केरूप में स्वीकार करेंगे या नहीं पर वह भी हम माने. उन्होंने कहा कि महागठबंधन प्रदेश की बेहतरी के लिए और हम लोग जो भी काम करेंगे, इस प्रदेश की बेहतरी के लिए करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या आपको लगता है कि बिहार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हो सकता है, तेजस्वी ने कहा कि इस प्रदेश के किसी व्यक्ति के उक्त पद पर आसीन होने पर हमें सबसे अधिक खुशी होगी क्योंकि आज विभिन्न मांगों को लेकर बार-बार जो केंद्र से फरियाद करना पड़ रहा है, वह नीतीश जी के प्रधानमंत्री बनने पर नहीं करना पड़ेगा.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की कोशिश और इसको लेकर आरएलडी के साथ कुछ मतभेदों की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि हम लोगों का प्रयास चलता रहेगा. जो नहीं मानेंगे, उन्हें हम मनाने की कोशिश जारी रखेंगे.
पूर्व में जदयू और राजद सहित जनता पार्टी परिवार के अन्य घटक दलों के विलय को लेकर पूछे गये एक प्रश्न पर तेजस्वी ने कहा कि विलय का मुद्दा नहीं है. वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं, इस बारे में पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा. विलय तो बाद का मुद्दा है पहले तो धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट होकर एक फ्रंट पर आएं. हमारा (राजद) और जदयू का रुख और विचारधारा एक है और हम गठबंधन से बेहद खुश हैं सभी निर्णय मिलजुलकर लेते हैं.
तेजस्वी ने कहा कि वे कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेने के साथ, बिहार विधानमंडल के हाल में संपन्न बजट सत्र के दौरान साथ बैठे और सभाओं में शामिल होते रहे हैं. उपमुख्यमंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के नीतीश को दिए गये सुझाव के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि वे इस तरह की सलाह देने के बजाय बिहार की भलाई के लिए उन्हें बुलाकर अपना अनुभव साझा करते तो बेहतर होता.
तेजस्वी ने कहा कि सही समय पर बिहार के हित, तरक्की और सामाजिक न्याय के लिए दो सबसे बड़े नेता :लालू प्रसाद और नीतीश कुमार: एकजुट हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति दो अलग-अलग धारा को कैसे मान सकता है. ऐसे में भाजपा के लोगों से पूछा जाना चाहिए कि वह स्पष्ट करें कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर या आरएसएस संस्थापक एम एस गोवलकर को मानती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अगर अम्बेडकर को मानते हैं तो वे एमएस गोवलकर की पुस्तक ‘बंच आफ थाट’ को जलाएं और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करें. केंद्र की वर्तमान भाजपा नीत सरकार पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुएउन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता का मुद्दा छिड़ा और युवाओं पर अत्याचार हो रहा है.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि हैदाराबाद विश्वविद्यालय में रोहित बेमूला की आत्महत्या के मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए जएनयू का मुद्दा (कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा) उठाया गया और जम्मू कश्मीर के एनआईटी में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने की कोशिश की गयी. उन्होंने कहा कि भाजपा के कोई न कोई नेता बार-बार भारत माता की जय का मुद्दा उठाते हैं पर किसी भी भारतीय को क्या अपनी देशभक्ति का बार-बार प्रमाण पत्र देने की जरुरत है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी देशवासी देश का हित और उसकी तरक्की चाहते हैं पर जब तक हमलोगों में एकजुटता नहीं होगी और देश में शांति नहीं रहेगी तबतक हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं. तेजस्वी ने आरएसएस और भाजपा पर समाज को बांटने की मंशा रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे पिछले लोकसभा चुनाव में कालाधन वापस लाने और युवा को रोजगार सहित अपने अन्य किए गए वायदों को पूरा करने में वे विफल साबित हुए हैं इसलिए उससे लोगों का ध्यान हटाने के लिए इसतरह की बातें कर रहे हैं.
उन्होंने केंद्र के मेक इन इंडिया और गंगा सफायी अभियान की चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि बड़ी-बड़ी बातें लोगों ने की और यहां तक की देश के प्रधानमंत्री भी विदेशों के साथ देश के भीतर गलत आंकड़े प्रस्तुत करने का काम किया है.