हत्या के खिलाफ माले का प्रतिवाद दिवस
पटना : नीतीश शासन में गरीबों की लगातार हत्या हो रही है, लेकिन सरकार अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही. इससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले ही बलिया प्रखंड के मकसुदनपुर में पार्टी के दो युवा नेता महेश राम व रामप्रवेश राम की हत्या भाजपा संरक्षित अपराधियों ने बर्बर तरीके […]
पटना : नीतीश शासन में गरीबों की लगातार हत्या हो रही है, लेकिन सरकार अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही. इससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले ही बलिया प्रखंड के मकसुदनपुर में पार्टी के दो युवा नेता महेश राम व रामप्रवेश राम की हत्या भाजपा संरक्षित अपराधियों ने बर्बर तरीके से कर दी थी. बेगूसराय में माले नेता गारो पासवान की हत्या कर दी गयी. दोनों हत्याकांडों के मूल में जमीन का सवाल है.
उक्त बातें बुधवार को माले राज्य सचिव कुणाल ने कही. वे बुधवार को महादलित नेता रामेश्वर पासवान की हत्या के खिलाफ गर्दनीबाग में माले द्वारा आयोजित प्रतिवाद दिवस समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास का वादा करने वाली सरकार इन घटनाओं पर मूकदर्शक बनी बैठी है. महादलितों को कहीं जमीन तो नहीं ही मिली, उलटे उन्हें सामंती ताकतों के दमन-उत्पीड़न का लगातार शिकार होना पड़ रहा है.
ताड़ी पर जीवनयापन कर रहे लोगों के वैकल्पिक रोजगार के सवाल पर आज भाकपा–माले व खेग्रामस के बैनर से पूरे बिहार में प्रदर्शन किया. माले ने कहा है कि ताड़ी पर प्रतिबंध की वजह से जिन लोगों का रोजी–रोजगार छिन गया है, उस पर सरकार को गंभीरता से विचार करे.
सरकार ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशान कर रही है, मारपीट की जा रही है. माले ने सरकार से ऐसे तमाम लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराने अौर प्रति परिवार 10 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की है. पटना के मसौढ़ी, पालीगंज, विक्रम, नौबतपुर, भोजपुर, जहानाबाद, नालंदा, पूर्णिया, भागलपुर, सीवान और रोहतास आदि जिलों में माले ने प्रतिरोध दिवस मनाया.