एप में ही फंस कर रह गयीं आपकी शिकायतें

तकनीक फेल. पांच माह पहले ‘अपना पटना’ एप को विभागीय मंत्री ने किया था लांच प्रभात रंजन पटना : राजधानी यानी निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें रख सकें, ताकि उनका समाधान हो सके, इसके लिए पांच महीने पहले ‘अपना पटना’ नामक मोबाइल एप लांच किया गया था. अधिकारियों को इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 6:52 AM
तकनीक फेल. पांच माह पहले ‘अपना पटना’ एप को विभागीय मंत्री ने किया था लांच
प्रभात रंजन
पटना : राजधानी यानी निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें रख सकें, ताकि उनका समाधान हो सके, इसके लिए पांच महीने पहले ‘अपना पटना’ नामक मोबाइल एप लांच किया गया था. अधिकारियों को इन शिकायतों को दूर करने के बाद एप पर स्थिति अपडेट करनी थी. लेकिन, मॉनीटरिंग व्यवस्था ठप होने की वजह से लोगों की शिकायतें एप में फंस कर दम तोड़ रही हैं. तीन दर्जन से अधिक शिकायतें 30 से अधिक दिनों से इन-प्रोसेस हैं.
104 दिनों से शिकायत है ‘इन-प्रोसेस’
वार्ड नंबर-17 के राहुल सिंह ने शिकायत की कि नाली जाम होने से हमेशा सड़क पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है.
उन्होंने साक्ष्य के तौर पर फोटो भी अपलोड किया. शिकायत किये 104 दिन हो गये हैं, लेकिन अब तक इसका निष्पादन नहीं किया गया है. स्टेटस चेक करने पर ‘इनै प्रोसेस’ दिखाता है. वार्ड नंबर-39 के रहने वाले मो करीब हुसैन ने भंवर पोखर के समीप कचरा उठाव नहीं होने की शिकायत की थी. उनकी शिकायत 44 दिनों से इन-प्रोसेस है. वार्ड नंबर 38 के कदमकुआं के रहने वाले अनुज कुमार ने चैंबर ध्वस्त होने से जलजमाव की समस्या की शिकायत की है, जो 49 दिनों से इन-प्रोसेस में है.
पटना : शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर स्थायी समिति व निगम बोर्ड से उपकरणों की खरीदारी करने की स्वीकृति तीन माह पहले ली गयी, लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. बोर्ड की बैठक में मेयर अफजल इमाम व अन्य पार्षदों ने उपकरण खरीद पर सवाल उठाया था, तो निगम प्रशासन जवाब नहीं दे सका. इसको लेकर नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर उपकरण खरीदने को लेकर वर्क ऑडर दे दिया जायेगा और एक माह में उपकरण की आपूर्ति हो जायेगी. गौरतलब है कि सफाई को लेकर 155 छोटे वाहन व 10 फॉगिंग मशीन भी खरीदी जायेगी.
एप पर मिलने वाली शिकायतों के निष्पादन को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है. वहीं, कुछ सफाई निरीक्षकों ने स्मार्ट फोन नहीं लिया है. हालांकि, एप पर मिलने वाली शिकायतों की प्रोपर निगरानी की जा रही है. संबंधित अधिकारियों को निदान के लिए निर्देश भी दिया जा रहा है.
शीर्षत कपिल अशोक, नगर आयुक्त, नगर निगम

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